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5 Mar 2020 · 1 min read

II जीवन II

पहले मन के घोड़े पाले, छोड़े बिना लगाम l
अब धीरे-धीरे याद आ रहे, बचे अधूरे काम ll

ऐसा जीवन शुरू हुआ,एक तेरे मिल जाने से l
घर आंगन ही लगता अबतो,जैसे चारों धाम ll
===== ===== ====== =======
सुगंध तो दूरियां भी महका देती है l
गले मिलके ही खटास पता देती है ll

तेज़ नजरों से सुकून नहीं मिलता l
बंद पलके जन्नत का पता देती है ll

संजय सिंह सलिल
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 513 Views

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