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5 Mar 2020 · 1 min read

II जनता बेचारी II

जाएं भी तो जाएं कहां अब,मरना खटना लाचारी है l
समझ रहे सरकारी रुतबा, पर शोषण भी सरकारी है ll

यहां दरिंदे शासन करते,और हाथ जोड़ते ऊपर से l
किसे छोड़ दे किसे चुने,दोराहे जनता बेचारी है ll

मूक बधिर अंधी जनता ,कुछ टुकड़ों के लालच में l
पांच साल की कैद लिखाती,बहुत बड़ी बेकारी है ll

इतनी हलचल मे भी हमने,स्थिर रहना सीख लिया l
बिना दाग कीचड़ में रहना ,बहुत बड़ी खुद्दारी है ll

इतना सीधा सरल नहीं है, साथ हवा के बहाना भी l
पल पल मारता ईमान देखना,’सलिल’ बड़ी बीमारी है ll

संजय सिंह ‘सलिल’
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश l

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