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23 Mar 2017 · 1 min read

II…आजकल बदला ये मौसम…II

सोच कर ही वोट दो, या नोट को खर्चा करो l
कान से सुन मन गुनो, फिर जा कहीं चर्चा करो ll

हैं फजाओ में अजब कुछ, हलचले खामोश सी l
आजकल बदला ये मौसम, शान से निकला करो ll

हो सका तो जाएगा मिल, देश में सम्मान भी l
जो असल हो बात वो, सौ बार तुम लिक्खा करो ll

ए हिमाला और ए गंगा, सभी की जान लो l
हिंदू मुस्लिम बाद में हम, देश को सजदा करो ll

सब हि अपने आप में, मिलते गुरुरो से भरे l
है हवा सी जिंदगी, इतना गुमा, समझा करो ll

पेट रोटी तन पे कपड़ा, सर पे छत हो जाए तो l
कुछ तो नेकी कर ‘सलिल,’ इंसान सा महका करो ll

संजय सिंह ‘सलिल’
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l

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