II…आजकल बदला ये मौसम…II
सोच कर ही वोट दो, या नोट को खर्चा करो l
कान से सुन मन गुनो, फिर जा कहीं चर्चा करो ll
हैं फजाओ में अजब कुछ, हलचले खामोश सी l
आजकल बदला ये मौसम, शान से निकला करो ll
हो सका तो जाएगा मिल, देश में सम्मान भी l
जो असल हो बात वो, सौ बार तुम लिक्खा करो ll
ए हिमाला और ए गंगा, सभी की जान लो l
हिंदू मुस्लिम बाद में हम, देश को सजदा करो ll
सब हि अपने आप में, मिलते गुरुरो से भरे l
है हवा सी जिंदगी, इतना गुमा, समझा करो ll
पेट रोटी तन पे कपड़ा, सर पे छत हो जाए तो l
कुछ तो नेकी कर ‘सलिल,’ इंसान सा महका करो ll
संजय सिंह ‘सलिल’
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l