II आईने को सामने रखना जरूरी है II
क्या लिखूं कैसे लिखूं लिखना जरूरी हैl
आईने को सामने रखना जरूरी है ll
राह खुद ब खुद मंजिल बन जाएगी l
एक बार तेरा प्यार में पडना जरुरी है ll
पछताएगा एक दिन समय जाएगा बीतl
बौराए हैं आम तो सजना जरुरी है ll
निश्चित ही मिल जाएगी मंजिल मगर l
जीवन का लंबा सफर चलना जरूरी है ll
मन से पुकारो वह कहां रह पाएगा l
प्रीत हो सच्ची अगर मिलना जरूरी है ll
बंद आंखों से जो देखा टूटना ही था l
आंख खोलकर देखो सपना जरूरी हैll
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l