Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2017 · 1 min read

II पेड़ों का साया II

कुछ तो कदर करो ,दुनिया में लाने वालों की l
बहुत पछताएगा जब ,सिर पर ना साया होगा ll

आसान नहीं होता ,दुनिया का सफर यारों l
भूखे रहकर भी, बच्चों को खिलाया होगा ll

साथ पेड़ों का है जरूरी ,इन को बचाना होगा l
जिस्म जल जाएंगे जब ,सर पर ना साया होगा ll

कल हम न होंगे ,फिर भी हमारे होंगे l
कुछ तो विरासत में, हम ने बनाया होगा ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
Tag: गीत
307 Views
You may also like:
कर्ज का बिल
कर्ज का बिल
Buddha Prakash
✍️कुछ रक़ीब थे...
✍️कुछ रक़ीब थे...
'अशांत' शेखर
*जो चौकीदार थे घर के, वही घर लूट जाते हैं (मुक्तक)*
*जो चौकीदार थे घर के, वही घर लूट जाते हैं...
Ravi Prakash
खिड़की खुले जो तेरे आशियाने की तुझे मेरा दीदार हो जाए,
खिड़की खुले जो तेरे आशियाने की तुझे मेरा दीदार हो...
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
एक आश विश्वास
एक आश विश्वास
Satish Srijan
अमृता
अमृता
Surinder blackpen
प्रणय-निवेदन
प्रणय-निवेदन
Shekhar Chandra Mitra
ये किस धर्म के लोग है
ये किस धर्म के लोग है
gurudeenverma198
त्योहार पक्ष
त्योहार पक्ष
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कुछ तो रिश्ता है
कुछ तो रिश्ता है
Saraswati Bajpai
छुअन लम्हे भर की
छुअन लम्हे भर की
Rashmi Sanjay
■  आज का लॉजिक
■ आज का लॉजिक
*Author प्रणय प्रभात*
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई
मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
लफ़्ज़ों में ढूंढते रहे दिल के सुकून को
लफ़्ज़ों में ढूंढते रहे दिल के सुकून को
Dr fauzia Naseem shad
नववर्ष 2023
नववर्ष 2023
Vindhya Prakash Mishra
मौसम बेईमान है आजकल
मौसम बेईमान है आजकल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"चित्रांश"
पंकज कुमार कर्ण
बिजलियों का दौर
बिजलियों का दौर
अरशद रसूल /Arshad Rasool
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
शिल्प कुशल रांगेय
शिल्प कुशल रांगेय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दोहे तरुण के।
दोहे तरुण के।
Pankaj sharma Tarun
💐प्रेम कौतुक-478💐
💐प्रेम कौतुक-478💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ईश्वर के रूप 'पिता'
ईश्वर के रूप 'पिता'
Gouri tiwari
"अकेला काफी है तू"
कवि दीपक बवेजा
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
मेरे प्यारे पहाड़ 🏔️
मेरे प्यारे पहाड़ 🏔️
Skanda Joshi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
नई सुबह नव वर्ष की
नई सुबह नव वर्ष की
जगदीश लववंशी
Loading...