Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2024 · 1 min read

If I were the ocean,

If I were the ocean,
I would wade into every home
and flood every room.

If I were the wind,
I’d uproot every roof
and blow out every stuff.

If I were the sun,
I would beat down on every building
and crack every glass.

If I were the darkness,
I would haunt every house
and scare every being.

From your shattered but standing homes,
Return home to reality where you belong,
Revisit nature for a little while long.

100 Views

You may also like these posts

दर्द ए गम था उसका, ग़ज़ल कह दिया हमने।
दर्द ए गम था उसका, ग़ज़ल कह दिया हमने।
Sanjay ' शून्य'
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
Sonam Puneet Dubey
प्रभु हैं खेवैया
प्रभु हैं खेवैया
Dr. Upasana Pandey
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
सब कुछ
सब कुछ
MUSKAAN YADAV
इंसान बनाम भगवान
इंसान बनाम भगवान
Khajan Singh Nain
4526.*पूर्णिका*
4526.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारे कर्म से किसी की मुस्कुराहट लौट आती है, तो मानों वही
तुम्हारे कर्म से किसी की मुस्कुराहट लौट आती है, तो मानों वही
Lokesh Sharma
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
पंकज परिंदा
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
Neelam Sharma
गीत भी तुम साज़ भी तुम
गीत भी तुम साज़ भी तुम
सुशील भारती
तुम अगर साथ हो तो...
तुम अगर साथ हो तो...
TAMANNA BILASPURI
बेसुध सी ख्वाहिशों का यह कैसा खुमार है ।
बेसुध सी ख्वाहिशों का यह कैसा खुमार है ।
Dr fauzia Naseem shad
बीहनि कथा-
बीहनि कथा-"अंडरवियर"
मनोज कर्ण
हमारी मां हमारी शक्ति ( मातृ दिवस पर विशेष)
हमारी मां हमारी शक्ति ( मातृ दिवस पर विशेष)
ओनिका सेतिया 'अनु '
गिरने से जो डरते नहीं.. और उठकर जो बहकते नहीं। वो ही..
गिरने से जो डरते नहीं.. और उठकर जो बहकते नहीं। वो ही.. "जीवन
पूर्वार्थ
दुनिया
दुनिया
Mangilal 713
वक्त के हाथों पिटे
वक्त के हाथों पिटे
Manoj Shrivastava
*धन्य-धन्य वह जो इस जग में, हुआ बड़ा धनवान है (मुक्तक)*
*धन्य-धन्य वह जो इस जग में, हुआ बड़ा धनवान है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
किशोरावस्था मे मनोभाव
किशोरावस्था मे मनोभाव
ललकार भारद्वाज
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
मेरा ब्लॉग अपडेट-5-7-2024
मेरा ब्लॉग अपडेट-5-7-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कविता
कविता
Nmita Sharma
बदरा कारे अब तो आ रे
बदरा कारे अब तो आ रे
अरशद रसूल बदायूंनी
"तुम ही"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन में
जीवन में
ओंकार मिश्र
श्रृंगार रस पर मुक्तक
श्रृंगार रस पर मुक्तक
Dr Archana Gupta
'सुनो स्त्री'
'सुनो स्त्री'
Rashmi Sanjay
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
SUNIL kumar
Loading...