Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2022 · 1 min read

I AM A BOOK

I AM A BOOK
WHICH TELLS YOU TRUTH

I AM A BOOK
WHICH GIVES YOU LOOK

I AM A BOOK
WHICH DISPEL YOUR DOUBTS

I AM A BOOK
WHICH TAKES YOU UP

I AM A BOOK
WHICH IS FULL OF FACTS

I AM A BOOK
WHICH CREATES HAPPINESS

I AM A BOOK
WHICH TELLS YOU MUCH

I AM A BOOK
WHICH OVERCOME YOUR SORROW

I AM A BOOK
WHICH TAKES YOU, TO YOUR AIM

I AM A BOOK
WHICH IS FRIEND FOREVER

I AM A BOOK
WHICH ENLIGHTEN YOUR PATH

I AM A BOOK
WHICH SETS YOUR FUTURE

I AM A BOOK
WHICH TELLS YOU TRUTH

I AM A BOOK
WHICH GIVES YOU LOOK

Language: English
Tag: Poem
3 Likes · 6 Comments · 433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
नींद
नींद
Diwakar Mahto
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
फलों से लदे वृक्ष सब को चाहिए, पर बीज कोई बनना नहीं चाहता। क
फलों से लदे वृक्ष सब को चाहिए, पर बीज कोई बनना नहीं चाहता। क
पूर्वार्थ
नींद आती है......
नींद आती है......
Kavita Chouhan
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
Satish Srijan
23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/180.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्कूल चलो
स्कूल चलो
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मायका
मायका
Mukesh Kumar Sonkar
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
DrLakshman Jha Parimal
अब कुछ बचा नहीं बिकने को बाजार में
अब कुछ बचा नहीं बिकने को बाजार में
Ashish shukla
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
Ravi Prakash
* छलक रहा घट *
* छलक रहा घट *
surenderpal vaidya
"गिरना जरूरी है"
Dr. Kishan tandon kranti
"तुम्हें राहें मुहब्बत की अदाओं से लुभाती हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
manjula chauhan
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
*प्रणय प्रभात*
!! घड़ी समर की !!
!! घड़ी समर की !!
Chunnu Lal Gupta
25 , *दशहरा*
25 , *दशहरा*
Dr Shweta sood
मै ठंठन गोपाल
मै ठंठन गोपाल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
संयुक्त परिवार
संयुक्त परिवार
विजय कुमार अग्रवाल
**तुझे ख़ुशी..मुझे गम **
**तुझे ख़ुशी..मुझे गम **
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
Ram Krishan Rastogi
सत्याग्रह और उग्रता
सत्याग्रह और उग्रता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सितारों को आगे बढ़ना पड़ेगा,
सितारों को आगे बढ़ना पड़ेगा,
Slok maurya "umang"
चन्द्रमाँ
चन्द्रमाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
Loading...