भोजपुरी (कजरी)
अरे रामा रिमझिम बरसे बदरवा, सजन नाही घरवा ए रामा।
सुनऽ अङ्गवा बा सुनऽ भवनवा।
साजन बिना सखि सुनऽ विहनवा।
अरे रामा सुनऽ बा कङ्गना गहनवा—
सजन नाही घरवा ए रामा।।
सुनऽ बा पायल कि सुनऽ बा बिंदियां।
साजन बिना सखि उड़ गई निंदिया।
अरे रामा धुमिल सेनुरा, कजरवा–
सजन नाही घरवा ए रामा।।
टीस उठे मनवा न भावे बदरिया।
रहि – रहि धावेला काटे सेजरिया।
अरे रामा ढूंढ़े बलम के नयनवा—
सजन नाही घरवा ए रामा।।
✍️ पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’