Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2021 · 3 min read

बच्चा मेरी बात समझने लगा है

#_बच्चा मेरी बात समझने लगा है#
एक बार की बात है, मैं ऑनलाइन पढ़ा रहा था | उस कक्षा के बच्चे मेरे लिए और मैं बच्चों के लिए बिलकुल नया था| बच्चे ऑनलाइन कक्षा में जैसे-जैसे जुड़ते जा रहे थे वैसे ही मैं एक-एक करके नाम पुकारते हुए सभी को गुड मॉर्निंग या सुप्रभात बोलता जा रहा था| यह सिलसिला जारी रहा, इसी बीच अमृत नाम का बच्चा कक्षा में प्रवेश हुआ मैंने उसे गुड मॉर्निंग बोलते हुए उसका नाम पुकारा, लेकिन उधर से कोई जवाब नही आया तो फिर मैंने जोर देकर उसे दो बार पुकारा फिर भी उसका कोई जवाब नही आया, तो मैंने कहा, बेटा आप क्यों नहीं बोल रहे हैं? फिर कोई जवाब नहीं आया| इस पर मुझे बहुत आश्चर्य हो रहा था कि आखिर! यह बच्चा जवाब क्यों नही दे रहा है | इसी बीच कक्षा से एक बच्चे की आवाज आई, सर! वह बोल नहीं सकता है | यह सुनकर मैं आवाक रह गया कि आखिर ये बच्चा इसके बारे में ऐसा क्यों कह रहा है | खैर! इस बात को यहीं पर समाप्त करके मैं बच्चों को पढ़ाने में लग गया, क्योंकि इसके बारे में पूरी कक्षा के सामने और कुछ पूछना उचित नहीं समझा | कक्षा समाप्ति के बाद मैंने उस बच्चे को फोन किया जिसने कक्षा में कहा था कि वह बोल नही सकता है | मुझे उस बच्चे ने उसके बारे में पूरी जानकारी दी| उस बच्चे के बारे में जानने के बाद मुझे लगा कि तब तो इस बच्चे को और भी अधिक प्रेरित किया जाना चाहिए | फिर अगले दिन मैं कक्षा में गुड मॉर्निंग बोलते हुए उस बच्चे का नाम पुकारा ( गुड मॉर्निंग अमृत!) और गुड मॉर्निंग बोलने के लिए उसे प्रेरित करते हुए जोर दिया| मेरी आवाज़ सुनकर वह बच्चा अपनी भाषा में गुड मोर्निंग बोला, तो पूरी कक्षा में ख़ुशी का ठिकाना न रहा| सभी बच्चे अत्याधिक प्रसन्न थे कि वह बच्चा गुड मॉर्निंग बोल रहा है | इसके बाद से मै सभी बच्चों को गुड मॉर्निंग कहूँ न कहूँ लेकिन उस बच्चे को जरूर गुड मॉर्निंग बोलता था और उधर से उसका प्रत्युत्तर सुनकर मन खुश हो जाता था| वह भी बहुत खुश होता था, धीरे-धीरे वह बच्चा मेरे गुड मॉर्निंग बोलने से पहले ही गुड मॉर्निंग बोलने लगा| कक्षा में पढ़ाते समय मैं पाठ से सम्बंधित जो भी प्रश्न करता उसे उत्तर देने के लिए प्रेरित करता कि आप भी अपना उत्तर चैट बॉक्स में लिखकर देने की कोशिश करें, और उस बच्चे को जितना समझ में आता था वह अपना उत्तर चैट बॉक्स में लिखकर देने लगा | एक बार मैंने पूरी कक्षा को विषय गतिविधि के रूप में पाठ से कविता का सस्वर वाचन करते हुए वीडियो बनाकर भेजने का कार्य सौंपा| सभी बच्चों ने अपना-अपना वीडियो मेरे ईमेल या व्हाट्सएप भेजा तो मैंने उस बच्चे को भी अपना वीडियो बनाकर भेजने के लिए प्रेरित किया और जब वह बच्चा कविता का सस्वर वाचन करते हुए अपना वीडियो मुझे भेजा तो उसे सुनकर मेरा मन गदगद हो गया| अब मुझे पूर्णतय: विश्वास हो गया था कि वह बच्चा मेरी बात समझने लगा है |

3 Likes · 2 Comments · 303 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कोई किसी को न तो सुख देने वाला है और न ही दुःख देने वाला है
*कोई किसी को न तो सुख देने वाला है और न ही दुःख देने वाला है
Shashi kala vyas
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
Ravi Prakash
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
पहला प्यार
पहला प्यार
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
विचार, संस्कार और रस-4
विचार, संस्कार और रस-4
कवि रमेशराज
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Meera Singh
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
राजकुमारी
राजकुमारी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
Vicky Purohit
खुश रहने वाले गांव और गरीबी में खुश रह लेते हैं दुःख का रोना
खुश रहने वाले गांव और गरीबी में खुश रह लेते हैं दुःख का रोना
Ranjeet kumar patre
नजर और नजरिया
नजर और नजरिया
Dr. Kishan tandon kranti
होगी तुमको बहुत मुश्किल
होगी तुमको बहुत मुश्किल
gurudeenverma198
बदले नहीं है आज भी लड़के
बदले नहीं है आज भी लड़के
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आज दिवस है  इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
आज दिवस है इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
sushil sarna
मुक्तक -
मुक्तक -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम      चुप    रहो    तो  मैं  कुछ  बोलूँ
तुम चुप रहो तो मैं कुछ बोलूँ
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
चांद से सवाल
चांद से सवाल
Nanki Patre
नील पदम् NEEL PADAM
नील पदम् NEEL PADAM
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
Shweta Soni
संयम
संयम
RAKESH RAKESH
किसी का भी असली किरदार या व्यवहार समझना हो तो ख़ुद को या किसी
किसी का भी असली किरदार या व्यवहार समझना हो तो ख़ुद को या किसी
*Author प्रणय प्रभात*
क्षितिज के उस पार
क्षितिज के उस पार
Suryakant Dwivedi
कौन सुनेगा बात हमारी
कौन सुनेगा बात हमारी
Surinder blackpen
देखो-देखो आया सावन।
देखो-देखो आया सावन।
लक्ष्मी सिंह
खुल के सच को अगर कहा जाए
खुल के सच को अगर कहा जाए
Dr fauzia Naseem shad
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जात आदमी के
जात आदमी के
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...