कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
राजनीति के क़ायदे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"प्यार का सफ़र" (सवैया छंद काव्य)
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
भ्रातृ चालीसा....रक्षा बंधन के पावन पर्व पर
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'