सपने हो जाएंगे साकार
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला
- तेरी आंखे जैसे झील का दरिया -
बहते रस्ते पे कोई बात तो करे,
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#ਸੱਚ ਕੱਚ ਵਰਗਾ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
जिंदगी रुठ कर इस कदर कहाँ जाएगी
भोंट हमरे टा देब (हास्य कथा)
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
अवसर सूर्योदय की तरह होते हैं, यदि आप बहुत देर तक प्रतीक्षा
वैसे किसी भगवान का दिया हुआ सब कुछ है
श्रम साधक को विश्राम नहीं
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
sp112 पत्थर जैसे कई/ अपने अहम की
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,