Happy Promise Day
जिंदगी की कशमकश का बोझ कुछ ज्यादा रहा…
इश्क तेरा इंतिहा तक, पर मेरा आधा रहा…
वार दी तूने जिंदगानी देह भी और रूह भी,
मेरा आलम बेवजह ही, तुम से बेकायदा रहा…
भारत को माफी मयस्सर, तेरी या रब की रजा,
जां फ़िदा तेरे अश्क पर, होगी मेरा वादा रहा…
Happy Promise Day
भारतेन्द्र शर्मा “भारत”
धौलपुर