गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
#जिन्दगी ने मुझको जीना सिखा दिया#
कौन है सच्चा और कौन है झूठा,
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
वो ज़ख्म जो दिखाई नहीं देते
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
मुझसे मेरा ही पता पूछते हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
दिल चाहता है अब वो लम्हें बुलाऐ जाऐं,
"रिश्तों के धागे टूट रहे हैं ll
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -171
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
खुले आम जो देश को लूटते हैं।