गर्मी की छुट्टियों का होमवर्क
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अगर हो अंदर हौसला तो पूरा हर एक काम होता है।
कर्म पथ
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
जग में सबसे प्यारा है ये,अपना हिंदुस्तान
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बुंदेली दोहा-अनमने
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यहां ला के हम भी , मिलाए गए हैं ,
Most of the time, I am the kind of person who tries her best
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""