दूरियाँ जब बढ़ी, प्यार का भी एहसास बाकी है,
"जमीं छोड़ आसमां चला गया ll
जन्मदिन की हार्दिक बधाई (अर्जुन सिंह)
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
गुनाह लगता है किसी और को देखना
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
दीदार
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज