उसकी इबादत आखिरकार रंग ले ही आई,
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
परिवार जनों का प्रेम स्नेह ही जीवन की असली पूंजी है और परिवा
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
*दो दिन का जीवन रहा, दो दिन का संयोग (कुंडलिया)*
February 14th – a Black Day etched in our collective memory,
******** प्रेरणा-गीत *******
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
दानवी शक्तियों को सुधारा नहीं जाता था
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
वास्तव में ज़िंदगी बहुत ही रंगीन है,