जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
खयालों ख्वाब पर कब्जा मुझे अच्छा नहीं लगता
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चाँद के माथे पे शायद .......
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Someday you'll look back and realize that you overcame all o
बुंदेली दोहे- गउ (गैया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
लड़को की योग्यता पर सवाल क्यो
जब कोई हो पानी के बिन……….
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
क्या ये किसी कलंक से कम है
काव्य की आत्मा और औचित्य +रमेशराज
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
" आखिर कब तक ...आखिर कब तक मोदी जी "
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा।
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता