Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2024 · 1 min read

Genuine friends lift you up, bring out the best in you, and

Genuine friends lift you up, bring out the best in you, and make you feel good about yourself. They’re the people who celebrate your wins, support you through tough times, and keep you grounded. With the right circle, you don’t have to pretend to be anyone else, you can just be yourself, flaws and all. These friends don’t drain your energy, they fill you up, make you laugh, and remind you of what really matters. Being surrounded by people like that is the real glow-up, because they help you shine from the inside out.

44 Views

You may also like these posts

न ख्वाबों में न ख्यालों में न सपनों में रहता हूॅ॑
न ख्वाबों में न ख्यालों में न सपनों में रहता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
2487.पूर्णिका
2487.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बुनते रहे हैं
बुनते रहे हैं
surenderpal vaidya
तुम कहो या न कहो
तुम कहो या न कहो
दीपक झा रुद्रा
समझ आती नहीं है
समझ आती नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
हम भी बहुत अजीब हैं, अजीब थे, अजीब रहेंगे,
हम भी बहुत अजीब हैं, अजीब थे, अजीब रहेंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बैठी हूँ इंतजार में, आँधियों की राह में,
बैठी हूँ इंतजार में, आँधियों की राह में,
Kanchan Alok Malu
Tears in eyes
Tears in eyes
Buddha Prakash
"महंगे होते झगड़े"
Dr. Kishan tandon kranti
अगर मैं अपनी बात कहूँ
अगर मैं अपनी बात कहूँ
ruby kumari
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
Harminder Kaur
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा
दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा
manorath maharaj
हम अभी
हम अभी
Dr fauzia Naseem shad
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Naushaba Suriya
#श्रद्धांजलि
#श्रद्धांजलि
*प्रणय*
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
Mahender Singh
दिल टूटने का डर न किसीको भी सताता
दिल टूटने का डर न किसीको भी सताता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
झिलमिल
झिलमिल
Kanchan Advaita
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
*कैसा है मेरा शहर*
*कैसा है मेरा शहर*
Dushyant Kumar
ईद मुबारक सबको
ईद मुबारक सबको
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
या तो युद्ध छेड़ दो हमसे,
या तो युद्ध छेड़ दो हमसे,
पूर्वार्थ
कोविड और आपकी नाक
कोविड और आपकी नाक
Dr MusafiR BaithA
ज़िंदगी को किस अंदाज़ में देखूॅं,
ज़िंदगी को किस अंदाज़ में देखूॅं,
Ajit Kumar "Karn"
*जीता-हारा चल रहा, होते रोज चुनाव (कुंडलिया)*
*जीता-हारा चल रहा, होते रोज चुनाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
हमारा पसंद ही तुम्हारा पसंद होता था
हमारा पसंद ही तुम्हारा पसंद होता था
Keshav kishor Kumar
Loading...