Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2020 · 1 min read

Geet

हसीन चहरे पर ओढ़े नकाब की तरह,
तेरी आँखो को पढ़ रहा हूं किताब की तरह।

आज रात का चाँद मैने रोक है रखा,
मेरा इश्क उमड पड़ा है सैलाब की तरह।

प्यास दे जो बुझा उस तालाब की तरह,
तेरे होंठ लगते मुझे है गुलाब की तरह।

यूं ही मिलती रहोगी तो बहकता रहूंगा मैं,
तेरी आदत हो है गयी मुझे शराब की तरह।

बड़ी मुश्किल से जीते हुए खिताब की तरह,
तू मुझे मिल है गई किसी ख्वाब की तरह।

पा लिया है मैने आज खजाना इश्क का,
मेरी शख्शियत हो गयी है नबाव की तरह।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 560 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
नाम इंसानियत का
नाम इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
KRISHANPRIYA
KRISHANPRIYA
Gunjan Sharma
बांते
बांते
Punam Pande
फुटपाथ की ठंड
फुटपाथ की ठंड
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
छोड़ जाएंगे
छोड़ जाएंगे
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
करो खुद पर यकीं
करो खुद पर यकीं
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
तू शौक से कर सितम ,
तू शौक से कर सितम ,
शेखर सिंह
मसला ये नहीं की उसने आज हमसे हिज्र माँगा,
मसला ये नहीं की उसने आज हमसे हिज्र माँगा,
Vishal babu (vishu)
जिस दिन
जिस दिन
Santosh Shrivastava
साईकिल दिवस
साईकिल दिवस
Neeraj Agarwal
3186.*पूर्णिका*
3186.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इस मुकाम पे तुझे क्यूं सूझी बिछड़ने की
इस मुकाम पे तुझे क्यूं सूझी बिछड़ने की
शिव प्रताप लोधी
परिवार के लिए
परिवार के लिए
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
विमला महरिया मौज
18)”योद्धा”
18)”योद्धा”
Sapna Arora
■ पात्र या अपात्र
■ पात्र या अपात्र
*Author प्रणय प्रभात*
*कर्मफल सिद्धांत*
*कर्मफल सिद्धांत*
Shashi kala vyas
*योग (बाल कविता)*
*योग (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
Dhriti Mishra
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
आर.एस. 'प्रीतम'
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
नवीन जोशी 'नवल'
🙏🙏
🙏🙏
Neelam Sharma
दीप में कोई ज्योति रखना
दीप में कोई ज्योति रखना
Shweta Soni
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
शहर
शहर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
* शक्ति है सत्य में *
* शक्ति है सत्य में *
surenderpal vaidya
हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
निशांत 'शीलराज'
Loading...