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तेरे आंखों में लग जाए वो ही काजल अच्छा है।
तेरे रुखसारों को छू ले वो ही संदल अच्छा है।।
अपने ऊपर रखो भरोसा मंजिल भी मिल जायेगी।
जो मुश्किल से मिलता है वो ही तो फल अच्छा है।
सारी दुनिया सारी चाहत मां की ममता एक तरफ।
जो सर पर साया बन जाए वो ही आंचल अच्छा है।
मेरी मां जिस आंचल से तूने पसीना पोंछ दिया।
ना उस से रेशम अच्छा है न तो मखमल अच्छा है।
कैसे मिलेगा बिना मवैसी दूध तुम्हे बतलाओ मुझे।
दूध जिसे तुम कहते हो इस से तो जल अच्छा है।।
पेड़ो को तुम काट रहे हो, ये नस्लों की बरबादी है।
आज नही बेहतर करते तो फिर कैसे कल अच्छा है।
मुझको मेरे अरमानों की दुनिया अच्छी लगती है।
सगीर जो उसके साथ में गुजरे वो तो हर पल अच्छा है।