G27
तुम मेरे ख्वाबों पर तनकी़द नहीं कर सकते।
तुम अगर इश्क़ की तस्दीक़ नहीं कर सकते।
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तूने जो ज़ख्म दिए हैं बस वही काफी है।
छोड़ दो मुझको अगर ठीक नहीं कर सकते।
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इश्क़ में जब्रो तशद्दुद भी कहां जाइज़ है।
हम तुम्हें खींचकर नजदीक नहीं कर सकते ।
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दूसरा हो नहीं सकता कोई मुतबादिल अब ।
“सगी़र” हम इश्क की तज़हीक नहीं कर सकते।
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शब्दार्थ
तनकीद= आलोचना
तस्दीक= प्रमाणित
जब्र , तशद्दुद= जबरदस्ती और हिंसा
तज़हीक़= मज़ाक उड़ाना
डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाज़ार बहराइच यूपी