तुमसे दूर रहकर जाना जुदाई क्या होती है
आदत अच्छी नहीं है किसी को तड़पाने की
श्रद्धा तर्क, तर्कबुद्धि तथा ईश्वर (Faith, Logic, Reason and God)
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
इंसान और कुता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
न ही मगरूर हूं, न ही मजबूर हूं।
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
बात बिगड़ी थी मगर बात संभल सकती थी
*राखी लेकर बहना है भाई के घर आई*
AE888 - Tham Gia và Trải Nghiệm Cá Cược Trực Tiếp với Tỷ Lệ
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।