প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
"" *हाय रे....* *गर्मी* ""
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आप काम करते हैं ये महत्वपूर्ण नहीं है, आप काम करने वक्त कितन
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।