लव जिहाद_स्वीकार तुम्हारा ना परिणय होगा...
*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
चलो इसे ही अपनी पार्टी से चुनाव लड़ाते है
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
मेरा एक छोटा सा सपना है ।
प्रेम भरे कभी खत लिखते थे