बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
किभी भी, किसी भी रूप में, किसी भी वजह से,
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
एक ही आसरौ मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
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विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ले आए तुम प्रेम प्रस्ताव,
कोई शराब पी रहा है तो इसका भी एक कारण है कोई अनवरत अध्ययन कर
क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
पहली बारिश
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,
आत्मनिर्भर नारी
Anamika Tiwari 'annpurna '