Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2022 · 1 min read

Fairwell quotes

माना की ये दौर बदलते जायेंगे।
आप जायेंगे तो कोई और आयेंगे।
मगर आपकी कमी इस दिल में हमेशा रहेगी। सच कहते हैं हम आपको इक पल न भूल पाएंगे।
मुश्किलों में जो साथ दिया याद रहेगा।
गिरते हुए को जो हाथ दिया याद रहेगा। आपकी जगह जो भी आये वो आप जैसा ही हो। हम बस ये ही चाहेंगे।
सच कहते हैं हम आपको इक पल न भूल पाएंगे।

Language: Hindi
122 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शिखर पर पहुंचेगा तू
शिखर पर पहुंचेगा तू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2993.*पूर्णिका*
2993.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रिय-प्रतीक्षा
प्रिय-प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
बुद्ध जी की करुणा हुई तो
Buddha Prakash
मेरे जज़्बात को चिराग कहने लगे
मेरे जज़्बात को चिराग कहने लगे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं जिसको ढूंढ रहा था वो मिल गया मुझमें
मैं जिसको ढूंढ रहा था वो मिल गया मुझमें
Aadarsh Dubey
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
अनुराग दीक्षित
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
** मंजिलों की तरफ **
** मंजिलों की तरफ **
surenderpal vaidya
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
संस्कार
संस्कार
Sanjay ' शून्य'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अन्नदाता किसान
अन्नदाता किसान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ]
दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
पूर्वार्थ
संवेदना की आस
संवेदना की आस
Ritu Asooja
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
bharat gehlot
नेता जब से बोलने लगे सच
नेता जब से बोलने लगे सच
Dhirendra Singh
फागुन होली
फागुन होली
Khaimsingh Saini
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
😊संशोधित कविता😊
😊संशोधित कविता😊
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा नाम
मेरा नाम
Yash mehra
दौलत
दौलत
Neeraj Agarwal
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
मुख्तसर हयात है बाकी
मुख्तसर हयात है बाकी
shabina. Naaz
कविता
कविता
Rambali Mishra
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
रंग पंचमी
रंग पंचमी
जगदीश लववंशी
Loading...