बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
सजाता हूँ मिटाता हूँ टशन सपने सदा देखूँ
कान्हा को समर्पित गीतिका "मोर पखा सर पर सजे"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
पल परिवर्तन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
लोग कितनी आशा लगाकर यहाॅं आते हैं...
तेरे सिंदूर की शहादत का, दर्द नहीं मिट रहे हैं…
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
आत्मनिर्भर नारी
Anamika Tiwari 'annpurna '
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो