हर दिल में एक टीस उठा करती है।
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
बेरोजगारी की महामारी
Anamika Tiwari 'annpurna '
कर लो कभी तो ख्बाबों का मुआयना,
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मेरे जज़्बात को चिराग कहने लगे
बेटा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो सोचते हैं कि उनकी मतलबी दोस्ती के बिना,
*दादा जी ने पहना चश्मा (बाल कविता)*
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़ करु।