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21 Jul 2024 · 1 min read

Dr Arun Kumar shastri

एक अबोध बालक 🩷🩷

अमन में पैदा हुआ
अमन में ही सक्रिय रहा

गोलियां चलाई जिसने
वो गोलियां हैं अब खा रहा

मैं बाशिंदा प्यार का
हूं प्यार से जीता यहां

प्यार मेरा धर्म है
प्यार ही ईमान है

प्यार के किस्से सुना कर
प्यार का परचम लहराता रहा

कौन आया कौन गया
हम को तो एहसास न था

एक अरमा एक ख्वाहिश
प्यार की सब से गुजारिश

कौम की खातिर जमी पर
फूल बरसाता रहा ।
मैं फूल बरसाता रहा।
मैं फूल बरसाता रहा।

1 Like · 49 Views
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