Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Mar 2024 · 1 min read

“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul

“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you could be in other circumstances than you are. For when you have made the best of an adversity, it becomes the stepping stone to a splendid opportunity.”

1 Like · 104 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
दुनियाँ की भीड़ में।
दुनियाँ की भीड़ में।
Taj Mohammad
सत्य की खोज अधूरी है
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
आज़ादी!
आज़ादी!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
जीवन एक सुंदर सच्चाई है और
जीवन एक सुंदर सच्चाई है और
Rekha khichi
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
Anamika Tiwari 'annpurna '
"एजेंट" को "अभिकर्ता" इसलिए, कहा जाने लगा है, क्योंकि "दलाल"
*प्रणय*
ज़िन्दगी एक बार मिलती हैं, लिख दें अपने मन के अल्फाज़
ज़िन्दगी एक बार मिलती हैं, लिख दें अपने मन के अल्फाज़
Lokesh Sharma
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
" शिक्षक "
Dr. Kishan tandon kranti
ख़बर ही नहीं
ख़बर ही नहीं
Dr fauzia Naseem shad
कड़वा है मगर सच है
कड़वा है मगर सच है
Adha Deshwal
अक्सर देखते हैं हम...
अक्सर देखते हैं हम...
Ajit Kumar "Karn"
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखे
कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखे
gurudeenverma198
वो इश्क़ कहलाता है !
वो इश्क़ कहलाता है !
Akash Yadav
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मजदूर
मजदूर
Dinesh Kumar Gangwar
जैसे-जैसे हम चुनौतियों और असफलताओं की घुमावदार सड़कों पर चलत
जैसे-जैसे हम चुनौतियों और असफलताओं की घुमावदार सड़कों पर चलत
पूर्वार्थ
मैं सदा चलता रहूंगा,
मैं सदा चलता रहूंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता कि प्रेम
कविता कि प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मेरे खाते में भी खुशियों का खजाना आ गया।
मेरे खाते में भी खुशियों का खजाना आ गया।
सत्य कुमार प्रेमी
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
Manisha Manjari
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
4534.*पूर्णिका*
4534.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम चुप रहे कभी किसी को कुछ नहीं कहा
हम चुप रहे कभी किसी को कुछ नहीं कहा
Dr Archana Gupta
The Breath
The Breath
Otteri Selvakumar
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
Ranjeet kumar patre
अव्यक्त प्रेम (कविता)
अव्यक्त प्रेम (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
Loading...