Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2022 · 1 min read

चंद दोहे बारिश पर…

मलिनता सारी हर ले, बारिश की बौछार।
मन-गंगा निर्मल बहे, तर जाएँ नर-नार।।१।।

जिस अदने वायरस ने, छीने होश-हवास।
अबकी बारिश जल मरे, जैसे आक-जवास।।२।।

वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
सकल चराचर जगत की, बुझती इससे प्यास।।३।।

पानी बिन जीवन नहीं, वर्षा जल की खान।
बूँद-बूँद संग्रह करो, इसका अमृत जान।।४।।

परहित घन वर्षा करें, दें जग को बिन मोल।
बूँद-बूँद संचित करो, वर्षा – जल अनमोल।।५।।

-सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद (उ.प्र.)

4 Likes · 158 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
Er. Sanjay Shrivastava
पानी में हीं चाँद बुला
पानी में हीं चाँद बुला
Shweta Soni
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
Taj Mohammad
एक बार नहीं, हर बार मैं
एक बार नहीं, हर बार मैं
gurudeenverma198
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
Neeraj Agarwal
*उसी को स्वर्ग कहते हैं, जहॉं पर प्यार होता है (मुक्तक )*
*उसी को स्वर्ग कहते हैं, जहॉं पर प्यार होता है (मुक्तक )*
Ravi Prakash
हीरा जनम गंवाएगा
हीरा जनम गंवाएगा
Shekhar Chandra Mitra
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
कह पाना मुश्किल बहुत, बातें कही हमें।
surenderpal vaidya
वीकेंड
वीकेंड
Mukesh Kumar Sonkar
सावन का महीना
सावन का महीना
विजय कुमार अग्रवाल
औरत की हँसी
औरत की हँसी
Dr MusafiR BaithA
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
■ आज का विचार...
■ आज का विचार...
*Author प्रणय प्रभात*
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
शोभा कुमारी
कर्म
कर्म
Dhirendra Singh
ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
Anil "Aadarsh"
माँ
माँ
Arvina
ऐसा कहा जाता है कि
ऐसा कहा जाता है कि
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
तुम मेरे हो
तुम मेरे हो
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना सातवें आसमान तक
ना सातवें आसमान तक
Vivek Mishra
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
2691.*पूर्णिका*
2691.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चार दिनों की जिंदगी है, यूँ हीं गुज़र के रह जानी है...!!
चार दिनों की जिंदगी है, यूँ हीं गुज़र के रह जानी है...!!
Ravi Betulwala
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
जीवन के रंग
जीवन के रंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"फूल"
Dr. Kishan tandon kranti
बढ़ी शय है मुहब्बत
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...