गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
- लोग मुझे आज भी तेरा दीवाना कहते है -
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
हार गए तो क्या अब रोते रहें ? फिर उठेंगे और जीतेंगे
* लक्ष्य सही होना चाहिए।*
वैसे तो चाय पीने का मुझे कोई शौक नहीं
जो आता है मन में उसे लफ्जों से सजाती हूं,