Posts "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 283 authors · 283 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 भूरचन्द जयपाल 10 Jan 2017 · 1 min read **** बेटियाँ ***** बेटियाँ बाबुल के बगीचे की शान होती हैं बेटियाँ …बाबुल की बुलबुल .. .और माँ ..के दिल का अरमान होती है उसकी …चहचहाट घर-आंगन खेत- खलियान में …लाती है रौनक... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 751 Share Rakesh Dubey "Gulshan" 10 Jan 2017 · 1 min read कम किसी से नहीं गुणवती बेटियां हौसलों से भरी डोलती बेटियां हर कठिन लक्ष्य को भेदती बेटियां ———————————– पाँव रोको नहीं आज टोको नहीं पंख पाकर गगन चूमती बेटियां ———————————– सौम्य मुस्कान से घर महकता रहे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 611 Share Kaushal Meena 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ एक बार घटित हुआ वो किस्सा फिर उसने शोर मचाया सबको जगाया जग जग मै चर्चित होकर थम सा गया ये किस्सा था बेटियों के जन्म मै मरण का जमाना... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 884 Share डी. के. निवातिया 10 Jan 2017 · 1 min read मुझको मेरा हक दो --::---मुझको मेरा हक दो--::--- मुझको मेरा हक दो पापा बहुत कुछ कर दिखलाऊँगी ! लेने दो खुली हवा में सांसे बेटे से ज्यादा फर्ज निभाऊंगी !! मुझको मेरा ……………… कर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 4 14k Share MridulC Srivastava 10 Jan 2017 · 1 min read बड़े काम की बेटियां ख़ामोशी तेरी,पहल भी तेरा, नाकामी तेरी,शहर भी तेरा, गूंजती यहां,बस मेरी सिसकियाँ l बेखबर वो निर्लज चले,सब भूल-भाल आगे बढ़े हर चेहरे हर रूप में,दिखता वही बहरूपिया I न्यूज लिखे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 662 Share भगवती प्रसाद व्यास " नीरद " 10 Jan 2017 · 1 min read " चिड़िया चहकी , फुर्र हो गई " ! पलना नहीं , गोद माँ की ! खुश नहीं , दादा दादी ! ख़ुशी पिता की , कपूर हो गयी ! बेटी दिल से - दूर हो गई !! दबी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Rituraj Srivastava 10 Jan 2017 · 1 min read बेटी आज मैंने देखा है- एक कली मुरझाई सी कैद स्वर्ण पिंजरे में थोड़ी क्षुब्ध थोड़ी शरमाई सी। आज मैंने देखा है- अंजन भरे लोचन से स्वप्नाश्रु झरते हैं अधरों पर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 593 Share रागिनी गर्ग 10 Jan 2017 · 2 min read गुम होतीं बेटियाँ खोता भविष्य अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आयी बिटिया कोख से चिल्लाई | जन्म दे मुझे भी माँ मैं भी जीना चाहती हूँ || भगवान की बनाई इस सृष्टि को मैं ही तो चलाती... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 3k Share सोनू हंस 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियों को मारकर क्यूँ लिखते हो खून से तकदीर अपनी, देखना ये बेटियाँ ही एक दिन तेरे काम आएँगी। जब कोई बेटा तेरा दुत्कार कर घर से निकाल देगा, देने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Sunder Singh 10 Jan 2017 · 1 min read थोड़ा तो विश्वास करो बेटी को बस कम ही कम अब आंकना तुम छोड़ दो हम से भी है शान देश की अब तो आखिर मान भी लो झुका हुआ था शीश तुम्हारा हमने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 380 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 10 Jan 2017 · 1 min read बेटी है नभ में जब तक बेटी तुम्हारे आँचल में जहां की खुशियां भर देती है तुम्हारी चार दीवारों को मुकम्मल घर कर देती है ॥ बेटी धरा पर खुदा की कुदरत का नायाब नमूना है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 527 Share प्रमिला तिवारी 10 Jan 2017 · 1 min read कविता "बेटियाँ" अब परिचय की मोहताज नही बेटियाँ आज माँ पिता की सरताज हैं बेटियाँ । गंगा जैसी निर्मल,अग्नि सी निश्च्छल शीतल समीर की झोंका हैं बेटियाँ । प्राण वायु हम... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 826 Share Rajeev 'Prakhar' 10 Jan 2017 · 1 min read देवी देकर नारी-शक्ति का नारा, ये क्या ढोंग रचाते हैं l देवी से नफ़रत करके, देवी को शीष नवाते हैं l देकर नारी-शक्ति का नारा .. कहीं पे कोई किसी गर्भ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 498 Share मनोज कुमार 10 Jan 2017 · 1 min read जीवन का आधार है बेटी “मनोज कुमार” जीवन का आधार है बेटी । सुख शक्ति संसार है बेटी ।। बदल देती जो दुनिया को । ऐसा एक बदलाव है बेटी ।। अत्याचार करो नही इनपे । दुर्गा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 791 Share जयति जैन 'नूतन' 10 Jan 2017 · 1 min read मर जाने दो बेटियों को... मर जाने दो बेटियों को... लिंग परिक्षण कर भेदभाव जताया मारने को उसे औज़ारों से कटवाया इतनी घ्रणा है उसके अस्तिव से तो मर जाने दो बेटियों को घोडा-गाडी, बंगला-पैसा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 839 Share MANINDER SINGH 10 Jan 2017 · 1 min read तेरी बिटिया ऐ माँ मैं हूँ तेरी बिटिया, नन्ही, प्यारी सी बिटिया, लगा गले मुझे आज अपने, आँचल में तेरे देखूं सपने,, कभी पराया न मुझे करना, आँखों से ओझल मत करना,,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ दो नदियों का मेल कराती हैं बेटियाँ । प्यार की धारा ही बहाती हैं बेटियाँ । संजीदगी से करती हैं कठनाईयों को पार सहयोग का दस्तूर चलाती हैं बेटियाँ ।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 4 1k Share Naveen Jain 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ कोमल फूल की कली सी होती हैं बेटियाँ । माँ बाप के लाड़ में पली होती हैं बेटियाँ ।। खुशी का पिटारा होतीं हैं बेटियाँ । घर का सितारा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 971 Share Sumita Mundhra 10 Jan 2017 · 1 min read माँ की सीख - बेटी की टीस सौ.सुमिता राजकुमार मूंधड़ा माँ की सीख - बेटी की टीस _____________________ कदम उठे गलत अगर मेरे, तो मैं सहम - सी जाती हूँ। माँ तेरी सीख याद आ जाती, कुछ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 24 4 5k Share Vandaana Goyal 10 Jan 2017 · 2 min read उस घर की बेटी उस घर की बेटी उस घर में मां नहीं है पर---------- उस घर की बेटी मां से कम भी नहीं है भोर होते ही उठ जाती है नन्हे नन्हे हाथों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 3k Share मधुसूदन गौतम 10 Jan 2017 · 2 min read बेटी के बोल ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ *उन्वान बेटी* 221 2122 221 2122 ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ इक बात पूछना है इतना मुझे बता दो। * ( इतना मुझे बता दो।) इक प्रश्न पर पड़ा जो पर्दा उसे हटा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 846 Share राहुल आरेज 10 Jan 2017 · 3 min read भारत की बेटी भारत की बेटी सोचा था बंजर भी उपजाऊ होगी, जगत जननी की नई परिभाषा होगी| पहले तो बेटियों को जन्म के बाद मारने का अधिकार था, न अब बेटियों का... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 894 Share Pradeep Bhatt 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियां बेटियां आज भी ये हुनर ले के चलती हैं लाख गम हो मगर वो मुस्कुरा के चलती हैं कब समझता जहां ये आँसुओं की कीमत है बस रहे मौन... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 457 Share इंदु वर्मा 10 Jan 2017 · 1 min read "खुबसीरत" सी बेटियाँ" :) कितना आसान है न.... गैरों की बेटियों का वजूद तय कर जाना … नज़रिए के तराजू को अपमान से भरकर… उसके तन और मन को एक साथ तोल जाना अपने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 946 Share बलकार सिंह हरियाणवी 10 Jan 2017 · 1 min read बाबुल के आगंन की चिडियां बाबुल के आंगन की चिडियां ईक दिन तो तुझे उड़ जाना हे, जिसके संग में खाई खैली छोड़ उसी को जाना हे , महक रही उपवन की डाली घर आंगन... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 750 Share NIRA Rani 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियॉ बेटियॉ .. वेदों की माने तो गाथा हैं वो किसना के साथ भोली राधा हैं वो घर पे है तो मर्यादा है वो युद्ध स्थल पे वीरांगना है वो शत... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Raju Gajbhiye 10 Jan 2017 · 1 min read *** बेटियाँ *** *** *** बेटियाँ ****** बेटियाँ घर , आँगन का फूल है खुशिया देना उसका उसूल है बेटियाँ का खर्च ना फिजूल है बेटियाँ की हर दुआ कबूल है हर क्षेत्र... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 711 Share पूनम झा 'प्रथमा' 10 Jan 2017 · 1 min read " बेटियां "............. " बेटियाँ " ------------ ये पूछो मत मुझसे क्या होती है बेटी न शब्द न परिभाषा में बंधती है बेटी। * चिड़िया नहीं, ममता से भरी मानव है हँसते हुए... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 1k Share LUCKY NIMESH 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियां अच्छे कर्मो से ही तेरे घर में बेटी आती है,,,,,,,,,, तेरे सूने घर में खुशियाँ बस बेटी ही लाती है ।।।।।। उसके कारण ही तो तूने अपना हर गम भूला... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 607 Share अमरेश गौतम'अयुज' 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ कच्चे बाँस की तरह, पनपती आधार हैं। बेटियाँ ही अनवरत, प्रकृति की सृजनहार हैं। किसी भी संदेह में ना, उन्हें मारा जाय। उनको भी स्नेह की, छाँव में दुलारा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 563 Share Rakmish Sultanpuri 10 Jan 2017 · 2 min read नवगीत।बेटी घर की सुंदरता है । नवगीत।। बेटी घर की सुंदरता है ।। (बेटियां) ईश्वर की अनुपम रचना है प्रकृति का उत्तम उपहार सतरंगी खुशियों वाली वह भर देती जीवन में प्यार रूप सलोने बोल तोतली... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 1k Share रमेश कुमार सिंह 'रुद्र' 10 Jan 2017 · 1 min read बेटी बेटी नहीं तो कल नहीं है। बेटी है तो सुफल यहीं है। बेटी है तो संसार है सुंदर। बेटी है तो अरमान है सुंदर। अन्तरज्योति है सपनों की। ज्योति है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 588 Share मोनिका भाम्भू कलाना 10 Jan 2017 · 1 min read बेटी हूँ मैं... लाख जंजीरें हो बंधी हुई कितनी ही बेड़ियों में जकड़ी हुई ख़ुशी से सब सहती हूँ मैं किसी से कुछ न कहती हूँ मैं सदा ख़्याल है मुझे आख़िर एक... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 992 Share Previous Page 6