Posts "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता 283 authors · 283 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Ajay Kumar 22 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी ‘ मेरी बेटी ‘ पल में रुठ जाये ,पल में मान जाती है, कभी संग तो कभी आगे निकल जाती है कभी जीत जाये, कभी संग उसके जीत जाता हूँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share ज़ैद बलियावी 22 Jan 2017 · 1 min read "बेटी" ((((((( बेटी ))))))) --------------------------------- जब शाम को घर को आऊ, वो दौड़ी-दौड़ी आए.... लाकर पानी पिलाए, बेटी...हॉ बेटी...., फिर सिर को मेरे दबाए, दिन भर का हाल बताए.. फिर छोटी-छोटी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Zia Zameer 22 Jan 2017 · 1 min read बिटिया नन्ही सी गुनगुनी हंसी से घर आंगन महकाने वाली भोली सी दो आंखों में सब सपने सिमटा जाने वाली बादल की गर्जन सुन सुनकर गोद को गोद बनाने वाली हल्की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 610 Share Aashukavi neeraj awasthi 21 Jan 2017 · 1 min read कन्या भ्रूण हत्या पापा पापा पापा पापा सुन हमारि बतिया पापा हमका न मारो हम तोहारि बिटिया हम तो अजन्मो कन्या देखी नही दुनियाँ दुनियां म आवै देव उठाय लेहु कनियाँ पापा कसम... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 684 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 21 Jan 2017 · 1 min read तो बहु कहाँ से लाओगे?? नन्ही सी इक कली हूँ मैं कल मैं भी तो इक फूल बनूँगी महका दूंगी दो घर आँगन खिलकर जब मैं यूँ निखरुंगी ना कुचलो अपने कदमों से यूँ मुझको... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3k Share anju nigam 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ आज मेरा आंगन महका हैं, आज मेरा आंगन चहका हैं, खिली हैं आज कली मेरे आंगन में, सूरज सी आभा लिये, लिये चाँद सी सौम्यता, आकाश सा विस्तार लिये, झरने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 909 Share विक्रम साही 21 Jan 2017 · 1 min read मेरी सहेली जिस पिता के संग मे खेली, जिस ने बना कर रखा था अपनी सहेली, उस पिता ने ही विदा कर दी मेरी डोली, आँसुओ की खेली होली, जीवन एक पहेली... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share डॉ. शिव लहरी 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां बेटियां है अनमोल, नहीं इनको तू तोल। बेटे से बढकर ही, ये करती रखवाली है।। माँ की सहेली है, पिता की चिड़कोलि है। भाई के लिये तो जैसे, दुआओं की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share लक्ष्मी सिंह 21 Jan 2017 · 2 min read मैं बेटी हूँ ???? मैं बेटी हूँ..... मैं गुड़िया मिट्टी की हूँ। खामोश सदा मैं रहती हूँ। मैं बेटी हूँ..... मैं धरती माँ की बेटी हूँ। निःश्वास साँस मैं ढोती हूँ। मैं बेटी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 · बेटी/बेटियां 5 1 26k Share संजय कौशिक "विज्ञात" 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ *●अनंद छंद●* आधारित गीत शिल्प ~ [जगण, रगण, जगण, रगण + लघु गुरु] {121 212 121 212 12} करो प्रचार खूब बेटियाँ पढ़ाइये । विचार नेक आज बेटियाँ बचाइये... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Dr.Pratibha Prakash 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां ? जीवन को जीवन बनाती बेटियां बेटो का जीवन सजाती है बेटियां इस सृष्टि को सतत बनाती बेटियां फिर क्यों कोख में मारी जाती बेटियां घर को वास्तव घर बनाती बेटियां... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 18 1 1k Share Kiran Sharma 21 Jan 2017 · 1 min read बेटी 1950 --- क्या हुआ ?? बेटी..... च्च्च!!च्च्च!! कह दो, मरी हुई है । 1970 --- क्या हुआ ?? बेटी ... हे भगवान!!मनहूस है बहु,मायके भेजो । 1990 --- क्या हुआ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 599 Share प्रियंका झा 'प्रवोधिनी' 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ ★बेटियाँ★ ------------------- चम्पाहार श्रृंगार बेटियाँ खुशबू का संसार बेटियाँ घर की शोभा दुबरी करतीं फिर भी मुख से कुछ न कहतीं मूक रहे हर लेतीं पीड़ा कब माँगे अधिकार बेटियाँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 695 Share Shivangi Sharma 21 Jan 2017 · 1 min read ' ये बेटियाँ ' खुशनसीब होते हैं वो लोग जिनके, घर में मुस्कुराती हैं बेटियाँ। कुछ नहीं ले जाती माँ-बाप के घर से, अपनी किस्मत से ही सब कुछ पाती हैं बेटियाँ। बेटी बनकर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 2 1k Share surenderpal vaidya 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियों को प्यार दो बेटियों को प्यार दो (गीतिका) **************** * बेटियों को प्यार दो, जिन्दगी संवार दो। * पुष्प बन ये खिल उठे, इस तरह श्रृंगार दो। * हैं अशक्त अभी तनिक, शक्ति... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 541 Share Dr.Priya Sufi 21 Jan 2017 · 1 min read नन्हीं गुड़िया मैं नन्ही सी प्यारी गुडिया मम्मी की दुलारी गुडिया चंदा है मामा मेरे पापा के मन न भाई गुडिया मुझे उठाया पास बिठाया साथ ले जा कर खूब घुमाया घर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 818 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ--------"सुन रहे हो बाबा" एक बेटी की बात अपने पिता से—- सुन रहे हो बाबा ! जगाये थे जब मैंने दबे अहसास लिख डाले थे, अधरों पर रुके अल्फाज़, तुमने आँखें तरेर मचाया था... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 3 1k Share GEETA BHATIA 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ श्रृंगार रस में जब जब सजती हैं बेटियाँ बड़ी नाजुक सी कोमल सी दिखती हैं बेटियाँ वक्त आये तो दुर्गा रुप भी धरती हैं बेटियाँ माँ बाप की जब ढाल... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 997 Share Saksena Dr.Shipra Shilpi 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां.. ???वेदना के स्वर तितली के संग??? काश मै तितली होती उडती मदमस्त फिजाओं में इन्द्रधनुषी रंगों में रंगकर रंगती सारे सपनो को सपने जो बुनती थी मै अरमानो का पंख... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 1k Share अजय कुमार मिश्र 21 Jan 2017 · 1 min read पुत्रियाँ पुत्र की चाहत,हो उसी की बादशाहत हमारे समाज की यही मनोवृत्ति है, पुत्री के जन्म पर होना झल्लाहट, नारी के प्रगति में बनी हुयी भित्ति है। हमने सारे सपने पुत्र... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 2k Share महेंद्र सिंह किरौला 21 Jan 2017 · 1 min read बिटिया : मेरी संजीवनी मैं सात समुन्दर पार हु रहता हर पल जल थल छू के कहता नेत्र बांध करुणा के बल से क्षतिग्रस्त हु उस धरातल पे झरोखे मैं आकर बिटिया पुकारे कैसे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Satish Verma 20 Jan 2017 · 1 min read बेटिय़ों को भी माँ के कोख में बेफिक्र पलने दो। भ्रूण हत्या : कविता ( चतुष्पदी ) मत करो इस धरती को बंजर तुम, तनिक हरीतमा इसके अंचल में रहने दो, बेटे बेटी का अनुपात ना बिगड़े कभी, नियति को... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 898 Share गौरव पाण्डेय 20 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ व्यक्ति के निर्माण का आधार अपनी बेटियाँ। स्नेह,ममता,त्याग का संसार अपनी बेटियाँ।। फूल सा कोमल हृदय रखती यक़ीनन है मगर। आन की हो बात तो तलवार अपनी बेटियाँ।। हर मुसीबत... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 2 1k Share राजेश 'ललित' 20 Jan 2017 · 1 min read "बेटी की बेटी" प्रस्तुत कविता मेरी बेटी के यहाँ बेटी के जन्म के कुछ दिनों के बाद आनायास ही निकली क़लम से,उसकी निश्छल मुस्कान देख कर।आप भी पढ़िये:- ------------------------- "नातिन" देखी तुमने मेरी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 512 Share Dr Purnima Rai 20 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटी को जन्म देकर भी माँ माँ ही रहती है बेटी के जन्म पर अक्सर माँ की रुस्वाई होती है। एक बेटी क्या कम थी जो दूसरी को पैदा किया... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1k Share Manchan Kumari मंचन कुमारी 20 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ —— है बोझ नहीं ये जान लो तू , दुनिया वाले ये मान लो तू। मिलता है कभी जो उसे मौका, तो लगाती है वो भी चौका छका । तु दो... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 682 Share Arvind Uniyal 20 Jan 2017 · 1 min read एक महकती बेटी हो आधार छंद - लौकिक अनाम, 22 मात्राभार ----------------------- फूलों जैसी एक महकती बेटी हो । चन्दा जैसी एक चमकती बेटी हो । स्वर्ग बनेगा निश्चित, जो घर में यारों ,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 745 Share आनन्द कुमार 20 Jan 2017 · 1 min read "अरूणाभा-एक बेटी के प्रति पिता का हृदय" वह सुन्दर सी, कोमल हाथों में जब मेरे आयी, पुलकित हुआ हृदय मेरा जब देखा चेहरे पर लालिमा छायी । प्यारा सा सुस्मित चेहरा लग रहा हो जैसे चन्द्रानन उत्ताल... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 897 Share डॉ.मनोज कुमार 20 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ कब तक बंद करोगे चार दिवारी में इन्हें अपने झूठी मान झूठी शान के लिये मार देते हो इनको आने से पहले क्या है इनका दोष बता दो एक बार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 254 Share krishan saini 20 Jan 2017 · 1 min read माँ मैने क्या कसूर किया माँ मैने क्या कसूर किया जो तुने मुझे छोड दिया एकांत में मरने के लिए इस बीहड़ जंगल में डाल दिया में तो चाहती थी इक कोना तेरी ममतामयी गोद... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 816 Share Dr. U.S Anand 20 Jan 2017 · 1 min read प्यारी बिटिया मुझे पता है, एक दिन बेटी, छोड़ हमें तुम जाएगी । मेरे घर-आँगन को तेरी, याद बहुत ही आएगी । तू तो है इस घर की रौनक, तुलसी की खुशबू... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 844 Share Neha Sharma 19 Jan 2017 · 1 min read "मेरी बिटिया, मेरी बगिया का फूल" मेरे जीवन की सूनी बगिया में, इक फूल खिला था प्यारा सा। नाज़ुक सा, गुदगुदाता सा, अपनी खुशबू से महकाता था। मुझे ममता का अहसास करवाने वाली, अपनी किलकारियों से... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1k Share Ashok sapra 19 Jan 2017 · 1 min read कविता शीर्षक बीज डाले बेटो के पर बेटी तू उग आये तुझसे है अनोखा रिश्ता मन को ये हम समझाये हमने बीज डाले बेटो के थे पर बेटी तू उग आये कड़वा सोच बोल रहा पर तू नफरत न करना बेटी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 745 Share Amita Magotra 19 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी कभी ठुमक ठुमक, कभी मटक मटक वो सारे घर में चलती है कभी माँ, कभी मम्मा, कभी मम्मी जी मुझको हर वक़्त बुलाती रहती है || मेरी नन्ही सी परी,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 902 Share Neha Agarwal Neh 19 Jan 2017 · 1 min read विदाई के बाद आई बेटी की याद " विदाई के बाद आयी बेटी की याद " तुम मुझ सी हो या, मैं तुम सी हूँ। पहेली सुलझाने में ही, वक्त गुजर जाता है। क्या कहूँ क्यों तेरी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 697 Share devendri mandrawal 19 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटा बेटा करते करते आज तीसरी बेटी हुई है उम्मीदों की बली आँचल फिर चढ़ी है दुर्गा माँ की डोली धूम धाम से सजी है और बेटी के हँसने पर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 508 Share Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी) 19 Jan 2017 · 1 min read मौन कविता मैं न लिख पाया उसके बारे में कभी सोचता ही रहा कि आज कुछ लिखूंगा। उसको निहारता हूँ कोरे केनवास में तो कभी पढता हूँ उस पे लिखी बिना शब्दों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 983 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 19 Jan 2017 · 1 min read बेटी जो हँस दे तो कुदरत हँसती है। *बेटिया* सामाजिक बगिया में, गुल सम रहती है। बेटी जो हँस दे तो, कुदरत हँसती है। चिंताऐं हर रोज जकड़ लेती मन को। पल में भोली सूरत हर्षा उठती है।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1k Share Gope Kumar 19 Jan 2017 · 1 min read गीत- बेटी क्यूँ धनधान्य पराया गीत ( अजन्मा की पुकार ) ***** बेटी क्यों धनधान्य पराया गर्भ मातु के मै मुस्काई देख देख अपनी परछाँई तभी किरण इक चुभती चमकी खीच रही मेरी प्रतिछाँई मेरा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 914 Share vinita chauhan 19 Jan 2017 · 1 min read अजन्मी बिटिया की पुकार अम्माँ तेरी कोख में ,दे जीवन उपहार । तेरे अँगना मैं पलुँ , कर सपने साकार । मैया कली बन खिलुँ ,दे जनम अधिकार । भैया की बहना बनुँँ ,न... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 763 Share raksha tiwari 19 Jan 2017 · 1 min read बेटी का अरमान बेटी को कब किसने पहचाना है, ईश्वर का वरदान कहां माना है, जन्म लेकर जिसने माता पिता का सर झुकाया है, कल उसी ने नेक कामों से उस झुकते सर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 948 Share Bharti Jain 19 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ क्यों मारते हो कोख में नादान बेटियाँ इंसान को है रब का ये वरदान बेटियाँ। बनता न घर समाज यदि होती न बेटियाँ होती हैं ख़ानदान की पहचान बेटियाँ। बेटे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 820 Share Rakesh Tiwari 19 Jan 2017 · 1 min read बेटी जी प्राण देकर भी सती धर्म बचाओ बेटी, विशुद्ध वंश की मर्याद निभाओ बेटी, आंख में जिस तरह काजल निर्वाह करता है, उसी तरह से मेल बढ़ाओ बेटी। जॉय सर्वस्व मगर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 679 Share Rakhi Tiwari 18 Jan 2017 · 1 min read बेटी मोसमी बुखार है हो रही आज भी भ्रूण हत्या बेटा होने से मन में अहंकार है, बेटी होने से हंसता सिर्फ आधा मन बेटियों से तो मौसमी प्यार है। बेटी सहती दो कुल... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 771 Share arun betaab 18 Jan 2017 · 1 min read मैं तेरा रूप हूं माँ मैं तुझसे दूर रह कर, न तुझसे दूर हूं माँ, तेरा रंग रूप लेकर, तेरा ही रूप हूं माँ, तूं है छाया मेरी तो, मैं तेरी धूप हूं माँ, तूं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 635 Share Santosh Nema 18 Jan 2017 · 1 min read बेटियां मेरी गुड़िया मेरी बिटिया मेरी अनमोल रतन तू ही तो शुकुं मेरा है तुझसे दुखों का समन तू ही दो कुलों की रखती है लाज निभाती भी तुझसे रोशन है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 837 Share Parul Chaturvedi 18 Jan 2017 · 1 min read बड़ी हो गयी है कितनी पीठ पे बस्ता टाँग के अपना हिला हाथ वो स्कूल चली बड़ी हो गयी है अब कितनी मेरी वो नन्हीं सी कली अभी तो आयी थी गोदी में अभी तो... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Manoj Gupta 18 Jan 2017 · 1 min read बेटियां पायल की रुनझुन में तितली की गुनगुन में छत की मुंडेरों पे और घर के आँगन में हँसती खिलखिलाती नज़र आती है बेटियां खुशहाली ज़िन्दगी में लाती है बेटियां है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 914 Share yogesh dhyani 18 Jan 2017 · 1 min read बेटियां गहरे दरिया से लेकर वो ऊंचे अम्बर चूम रहीं हो सहरा की गर्म रेत या जंगल पर्वत घूम रहीं उनने अपनी हिम्मत से ही लांघी कठिन दिवारे हैं सदी पे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 732 Share अभिषेक झा 18 Jan 2017 · 1 min read "बेटियां" इस जहां कि हर खुशी की राज होती हैं बेटियां, मां पिता के दुख मे सदा, हमराज होती हैं बेटियां, सौ दर्द हो दिल में मगर,उफतक नहीं करती कभी, सदियों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Previous Page 3 Next