Vivek Pandey Poetry Writing Challenge-3 46 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read बूढ़े भूतों का गाँव अब यहां इस गांव मे, औलादें नहीं रहती, अब पीपल की छांव तले, चौपालें नहीं लगतीं। बाढ़ और सूखे से यहाँ की, किसानी चली गयी, गुरबत की मार से, खुद्दारी... Poetry Writing Challenge-3 58 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read होली सा कर दो उड़ गए सब रंग मेरे, मुझे अपना सा कर दो, मेरी मनुहार सुन लो तुम, मुझे फागुन सा कर दो... छिटक दो रंग अपने तुम, मुझे होली सा कर दो...... Poetry Writing Challenge-3 61 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read बिंदियों की जगह कभी जब मुझे उसकी, दोनो भंवों के बीच, वो चमकती लाल, बिंदी नहीं दिखती.... उस दिन उसके, चेहरे पर मुझे कोई, रौनक नहीं दिखती.... मैं बोलता हूं जब तो, वो... Poetry Writing Challenge-3 45 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read वो समुन्दर.. नदियों की अशांत धाराओं को, समेटे हृदय मे वह शांत है, अथाह गहराइयों का अधिपति, वो जलनिधि, वो समुन्दर शांत है.... जहाँ अभीष्ट पाते ही, मर्यादाऐं टूट जाती हों, वहीं... Poetry Writing Challenge-3 59 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read बरसात सा जीवन एक आम सा जीवन, बे मौसम बरसात सा जीवन, कभी सूखा कभी गीला, नित ही बदलता सा जीवन... दुख बरसात सा, खुशियाँ बरसाती, गुस्सा बरसात सा, संगी साथी बरसाती... कभी... Poetry Writing Challenge-3 34 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read क्या बात करें जीने,खाने की 'कमाई' की, क्या बात करें... घर चलाने की लड़ाई की, क्या बात करें... क्या कोई 'साख'कमाई है?? ये मसला है.. क्या कोई 'बात' कमाई है?? ये मसला है..... Poetry Writing Challenge-3 33 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read खुद का साथ खुद से खुद का, साथ ही अच्छा, जितना निभ जाऐ, उतना हीअच्छा, उपहास, व्यंग्य, अपमान से हटकर, निर्जन मे अविकल, 'गरल' ही अच्छा... कितना किस संग, सपने देखें, कितना किसको,... Poetry Writing Challenge-3 31 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read तो क्या करता उनसे प्यार ना करता, तो क्या करता, उनका हाथ ना पकड़ता, तो क्या करता ??? वो सब भी तो मेरे , आस पास पलते थे, उन्हें नजरअंदाज जो करता, तो... Poetry Writing Challenge-3 36 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read अच्छा लगता है किसी को 'दिल' से लगाता हूँ, तो अच्छा लगता है... किसी के 'दर्द' बंटा लेता हूँ, तो अच्छा लगता है.... यूँ तो हर शख्स ही 'उलझा' है, जिंदगी के झमेलों... Poetry Writing Challenge-3 35 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read मैं और तुम मैं निर्जन मे उड़ता बादल सा, तुम शीतलता का ठहराव लिए.... मैं अट्टहास उद्वेलित सा, तुम सुरमयी मधुर आवाज लिये..... मैं अंतहीन परिसीमन सा, तुम प्रेम की त्रिज्या व्यास लिए....... Poetry Writing Challenge-3 34 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read भोर का सूरज उषा की किरणों से कुसुमित, भोर का यह सूरज देखो, कलरव करते खग विहंग का, प्रेम पगा आलिंगन देखो... रक्ताभ लालिमा लिए हुये, कितनी दूर क्षितिज फैला है, मेघों से... Poetry Writing Challenge-3 41 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read स्वेटर का झमेला स्कूल मे एक बार, बड़ा झमेला हो गया, पढ़ने को हम गये, वहां तो मेला हो गया... पहनी थी एक स्वेटर, मां ने दिया था बुनकर, सुन्दर सी वो बुनी... Poetry Writing Challenge-3 27 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read आभासी खेल अब ना कोई गुल्ली डंडा, ना ही अब वो कांच का कंचा, ना लंगड़ी ना गप्पा-गिप्पी, ना फेंके कोई बित्ता-चिप्पी, ना टीप-रेस ना मटकी फोड़, ना बने घरौंदे रेत जोड़...... Poetry Writing Challenge-3 35 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read किस्सा है अधूरी जिन्दगी है यहाँ, हर दिन अधूरी इच्छा है, अधूरी नींद है आंखों में, यही रोज किस्सा है... तमाम बातें हैं यहाँ जो, बस आधे मे रह गयीं, हर आधा... Poetry Writing Challenge-3 44 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read मुखौटा खुद में ही एक, पहेली सा हो गया हूँ, तुम जैसा समझते हो, वैसा ही हो गया हूँ... अनुरूप होते होते, कितने रूप बने मेरे, कैसे बताऊँ कितना, अब कुरूप... Poetry Writing Challenge-3 34 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read सोचता हूँ.. सोचता हूँ... कभी कभी कुछ यूँ कि... मसाले वही होते हैं, नमक मिर्च भी वही, अनुपात भी वही, साग भी वही, तरीका भी वही, बर्तन, तेल ,पानी वही, लौ और... Poetry Writing Challenge-3 42 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read एकांत ये घना है शीत की निशा है, एकांत ये घना है, हवा में है ठिठुरन, कुछ कंठ भी रुंधा है... सहज सोच व्याकुल, स्मृतियों का संग है, वो विस्मृत से पन्ने, मेरे साथ... Poetry Writing Challenge-3 29 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read केवल माँ कर सकती है जो बिन बोले अंतस् को सुन ले, जो बिना कहे खुशियों को चुन ले, जो नित नया सिखाती जाऐ, हरदम सच्ची राह बताऐ, वो केवल माँ कर सकती है.... जो... Poetry Writing Challenge-3 30 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read कुछ रह गया बाकी कुछ तो हमेशा और, हर दिन ही रहता है, मैं तो 'चुप' हूँ कब से, मगर एक 'शोर' रहता है... बरस भी चुका हूँ पूरा, कभी'बादल'बन के मैं, जाने क्यूँ... Poetry Writing Challenge-3 41 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read क्यूँ है.. कल्पनाओं की मरीचिका में, आखिर भटकना क्यूँ है, किसी संशय और दुविधा में, नाहक ही फँसना क्यूँ है... स्वीकार क्यूँ नहीं करते, जो यथार्थ कहा करता है, हर दिन ही... Poetry Writing Challenge-3 29 Share Vivek Pandey 11 May 2024 · 1 min read दिवस संवार दूँ आओ मैं तुमको वल्लभा, कुछ शब्दों का उपहार दूँ, पंक्तिबद्ध अर्थों से मैं, खुद को तुम पे बलिहार दूँ... प्रेम से पूरित रहो सदा, यूँ ही हो सौंदर्य सधा, सुख... Poetry Writing Challenge-3 41 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read पथदृष्टा बैठा पथ में पथदृष्टा सा, सोच रहा हूँ कहाँ चलूँ, लंबा जीवन पीछे छूटा, अब किस पथ पर पांव धरूं... कर्म किया और भाग्य से चाहा, लेकिन मन का हाथ... Poetry Writing Challenge-3 1 37 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read शब्दों की आवाज मेरा प्यार मेरा गुस्सा, मेरी नफरत मेरा रूतबा, सब कुछ इस कलम से, इसकी रौशनाई से है... मेरी नज़र के सामने, जब शब्द मुस्कुराते हैं, वो बन के प्यार फिर,... Poetry Writing Challenge-3 1 76 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read छुअन.. तुमसे मन का पथ जुड़ा, क्यूँ करूँ छुअन की आस, तुम तक भाव पहुँचते हैं, बस यही प्रेम विन्यास... मैं तुमसे कितना दूर यहाँ, तेरा नित अनुभव करता हूँ, सौम्य... Poetry Writing Challenge-3 1 47 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read तुम रंगरेज.. तुमने कितने ही रंग बनाऐ, उन रंगो को जीवन मे लाऐ... विविध विविध सब रंग छंद हैं, कुछ धानी कुछ पर बसंत है... रंगो के एक तुम ही माहिर, तेरी... Poetry Writing Challenge-3 1 41 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read दूब और दरख़्त जमीन में फैली वो दूब, सूख जाती है मिट जाती है, रौंदी भी जाती है,लेकिन... वो दुबारा उग ही आती है, हरी हो उठती है, फिर से फैलने लगती हैं,... Poetry Writing Challenge-3 1 43 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read बात का क्या है इस 'बात' का क्या है!!! कभी मीठी कभी खट्टी, कभी कसैली तो कभी, कड़वी भी हो सकती है... यहाँ हर स्वाद की 'बात' है, यही तो 'बात' मे खास है,... Poetry Writing Challenge-3 1 46 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read मसला हो ही जाता है बड़ा बेजोड़ मुकद्दर है, कुछ ना कुछ हो ही जाता है, किसी से राब्ता करते हैं, तो मसला हो ही जाता है... आगे बढ़ते हैं कभी जो, कोई ख्वाब गढ़ते... Poetry Writing Challenge-3 1 43 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read रौशनी का गुलाम कहते हैं कोई रहे न रहे, लेकिन हमारा 'साया', तो हमेशा ही हमारे, साथ रहा करता है... मैंने देखा है...वाकई!!! ये मेरे साथ बनता है, मै चलता हूँ तो चलता... Poetry Writing Challenge-3 1 41 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read जल की व्यथा पौन भाग तुझमे रहूँ, तेरे मुझसे होवें काज, कौन जीव जग में ऐसा, जिसको ना मेरी आस... जीवन का रस किसलय मैं हूंँ, रूँधा कंठ तब शीतल मैं हूंँ, जीवन... Poetry Writing Challenge-3 1 27 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read लिप्त हूँ.. वहाँ बीते समय के कुछ, मुड़े तुड़े लिखे कागज, कुछ सूखे निर्माल्य, हवा में उड़ आये पत्ते, यहाँ से वहाँ उड़ते, गिरते कुछ ढूंढते हैं... शायद मेरे अस्तित्व को, मेरे... Poetry Writing Challenge-3 1 36 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read विधु की कौमुदी दिन दिन बीते प्रेम के, दिन दिन घट गयी प्यास, एक दिन वो फिर आ गया, जब प्रीत बची न आस... एक पूनम का चाँद था, एक बिखरी उसकी चाँदनी,... Poetry Writing Challenge-3 1 69 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read बुनकर... कैसे बुनते हो तुम बुनकर, सूतो का ये ताना बाना, बन जाता जो आखिर में, धागों का एक पूरा 'जामा'... कितने ही तुम सूत मिलाते, विविध रंग के जोड़ मिलाते,... Poetry Writing Challenge-3 1 1 69 Share Vivek Pandey 2 May 2024 · 1 min read चारपाईयों के पाये... गाँव मे सूने घर के, आँगन मे पड़ी, उन चारपाईयों के, 'पाये' अब मुड़ चुके हैं... उनकी बुनी 'निवारों' के, 'धागे' अब सड़ चुके हैं, क्यूंकि घर के सब 'परिंदे',... Poetry Writing Challenge-3 1 99 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read बूँदों के कायदे... शहर मे बारिश की बूंदें, अजब क़ायदे दिखाती हैं, जो पसीने से तरबतर हैं, ये उनको ही भिगाती है.... उनके छप्पर मे बरसकर, फिर छज्जे मे चली आती है, जो... Poetry Writing Challenge-3 1 45 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read सिलवटें रोज बिस्तर पर जाते ही, पड़ जाती हैं सिलवटें, रोज सलीकेदार बिस्तर पे, मेरी करनी के निशां बनते हैं... उठते ही रोज सिलवटें, बहुत कुछ मुझे बताती हैं, मेरे कर्मो... Poetry Writing Challenge-3 1 42 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read कमर की चाबी... कमर पर जो बंधी रहती थी, वो चाबी खो गयी, साझा गृहस्थी घर की, अपनी अपनी हो गयी... कई ताले कभी, एक चाबी से ही खुल जाते थे, अब अलग... Poetry Writing Challenge-3 1 56 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read दरवाजों की दास्ताँ... दरवाजे तो हर घर मे, खुलते हैं बंद होते हैं, क़ाबिल-ए-गौर तो ये है, कि वो किसके लिए, खुलते और बंद होते हैं... गैरों के लिए बंद हों, तो बात... Poetry Writing Challenge-3 1 38 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read प्रेम का संगीत... किसी का संग पाकर जब, मन के तार झंकृत हों, कोई कंपित सी वीणा हो, नवसुर अलंकृत हों.. पुलकित मन मिलन को हो, तरंगे आह्लादित हों, तन तक न सीमित... Poetry Writing Challenge-3 1 58 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read क्या सुधरें... उनका कहना है कि, थोडा सुधर जाओ, वक़्त की नजाकत पे, थोड़ा ढल जाओ... क्या कहें उनसे अब, कितने बिगड़ चुके हैं, जिन्दगी के थपेड़ों से, कितने मुड़़ चुके हैं...... Poetry Writing Challenge-3 1 54 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read नौ दो ग्यारह... रोज ही कई मुद्दों पर, कई बातों पर, कई मंचों पर, सोचता हूँ, बुनता हूँ, लिखता हूँ और कहता हूँ... लेकिन जब भी खुद पर, कुछ लिखने की, सोचता हूँ... Poetry Writing Challenge-3 1 68 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read मौन 'मौन' बहुत कुछ कहता है, तुमसे मेरे प्रतिवादों पर, जब शब्द जुबां पर रूक जाऐं, एक दूजे के प्रतिघातों पर.... फिर शब्दों का शोर नहीं आरोप नहीं..अफसोस नहीं, निशब्द गवाही... Poetry Writing Challenge-3 1 60 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read कभी आना जिंदगी मै भी जिंदा हूँ कभी घर आना जिंदगी, किसी दिन मेरा साथ निभाना जिंदगी। अरसा हुआ आंगन में गुल नहीं खिले, किसी दिन मेरे दर को महकाना जिंदगी। मैं था... Poetry Writing Challenge-3 1 75 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read फिर एक कविता बनती है मन से मन के तार जुडें तो, फिर एक कविता बनती है, सपनो का संसार बने तो, फिर एक कविता बनती है... विश्वास समर्पण हो मन मे, कोई और न... Poetry Writing Challenge-3 1 76 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read पिता सा पालक आज मैं पिता के साथ-साथ पालक भी हूँ अपनी संतानो का, कल मैं सिर्फ एक पिता, होकर ही रह जाऊंगा... जब वो निकलेंगे जीवन पथ पर... कुछ पाने को कुछ... Poetry Writing Challenge-3 1 80 Share Vivek Pandey 1 May 2024 · 1 min read क्षणभंगुर कथाओं से लिपटा यह जीवन, इच्छा अभिलाषाओं का जीवन, पाकर सब खोने तक जाकर, फिर से नव निर्माण का जीवन... जीवन सांसो के रहने तक का, अहं, राग और द्वेष,... Poetry Writing Challenge-3 1 89 Share