तारकेश्वर प्रसाद तरुण Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid तारकेश्वर प्रसाद तरुण 12 May 2024 · 2 min read सत्यम शिवम सुंदरम🙏 सत्य की खोज🙏🙏 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵 संस्कृति परंपरा का देश न्यारा सत्यअहिंसाआस्था विश्वास भरा पार्वती संग नाचें गाएं शंकर भोले श्मशानी चिता स्वेत भस्म लगाए मणिकर्णिका हरिश्चंद घाट काशी में होली दिवाली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 105 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 12 May 2024 · 1 min read बोलती आंखें🙏 संवेदना की बोलतीआंखें🙏 🍀☘️🙏🍀☘️❤️🍀☘️ भरी रसीली लाल रंजीत सी सागर सी आंखे संवेदना की आस अरमान से निहार रही लम्हा लम्हा तनहा गुजारती निज वेदना खुद समझाती संवेदन पास नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 72 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 12 May 2024 · 1 min read लौट चलें🙏🙏 लौट चलें 🙏🙏 🔵🔵🔵🔵🔵 सृष्टि माता का एक नगीना प्रकृति के विस्तृत अंगन में सूक्ष्म अंश अनन्त के पार नगण्य भाग अणु परमाणु अंशों मेंअंशों का अंशदान मूक बधिर दृष्टिहीन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 77 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 11 May 2024 · 1 min read आँचल की छाँह🙏 नारी की आँचल 🙏 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵 ममता माया है नारी की काया शीतल सकूनआँचल कीछाया भाव भावना दया सृष्टिकारक सुखद कोमल पल्लव की छाँह मनोहर मृदुल वाणी से निर्मल जन मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 98 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 10 May 2024 · 2 min read माटी करे पुकार 🙏🙏 किन औलादों छोड़ गए 🙏 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵 कनक पनीरी धानों की मंजरी अरहर मसूर मक्के फूलों बाली झोंके पवन हिलोडें में स्वरघाटी कोस रहें किन औलाद हाथों छोड़ गए पद घमण्डी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 113 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 9 May 2024 · 1 min read रूह की चाहत🙏 रूह की चाहत🙏 🔵🔵🔵🔵🔵 व़क्त गुज़ार रहे हैं दो रूह रुहानी वंश देख परलोक से सुखी दुःखी दम्भभरी बात पकड़ नादानी में धर्म कर्म नीति ना पहचानी में बेजान छोड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 98 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 7 May 2024 · 2 min read सुहागन की अभिलाषा🙏 सुहागन की अभिलाषा🙏 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵 रंग रंगीली छैल छबीली बनी चित चकोरी नारी सुहागिन चाहत अनमोल देश दुलारी सपना अपना निज अभिलाषा लाल पधारो मोरे आंगना आस लगाए आतुर देख रही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 110 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 6 May 2024 · 2 min read बेदर्दी मौसम🙏 बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने🙏 🔵🔵🔵🔵🔵 मौसम है अनजान रास्ता है सुनसान बर्फीली बयार बह रही संय संय नाद हो रही घन घन-घना अम्बर से गद गद पानी बरस रही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 99 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 6 May 2024 · 2 min read बचपन मिलता दुबारा🙏 बचपन आता दुबारा ************** बीते बचपन के वो दिन स्मृतियों से भरा पिटारा मस्ती भरा अल्लड़ का नदिन खेल कूद हुल्लड़ में बीतना खाना पीना गाना घूमना बेताज वादशाह बन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 91 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 5 May 2024 · 1 min read काल का स्वरूप🙏 काल का स्वरूप🙏 🔵🔵🔵🔵🔵🔵🕜 बसंत सुहानी सुर रसीला मधुबन बरखा संग सजीला गात लचीला विराट स्वरूपा सौ मयूरी की नाच दिखाता लपक झपक राधा बरज़ोरी बड़े मज़े की ये संग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 108 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 5 May 2024 · 2 min read वक़्त की पहचान🙏 वक्त की पहचान🙏 🔵🔵🔵🔵🔵🔵 वक्त अनजान गुमनाम नहीं जग तो हैं संगी साथी इनके समझते जन पल पल इनको वक्त नहीं समझता किसीको जव़ाना जानता है पर ये ज़ुवां नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 85 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 4 May 2024 · 1 min read आग और पानी 🙏 आग और पानी 🔥🌳🍀🪷🌦️ शवनम और शोला है प्राणों का दोनों चोला आग पानी दोनो बैरी अद्भूत गाथा है पुरानी आपस में लड़ाई करते औरों की भलाई करते जीवों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 89 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 4 May 2024 · 1 min read सुंदरता की देवी 🙏 सुंदरता की देवी 🙏 💙💙💙💙💙💙💙 प्रकृति माँ की हरियाली हो रंग बिरंगी श्रृंगारित हो नारी नव किसलय आनन कानन रंग भरी रंगोली हो आंगन की सौंदर्य सुंदरता है कुदरत की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 115 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 4 May 2024 · 1 min read मेरा कौन यहाँ 🙏 मेरा क्या यहाँ 🙏 🙏🙏🙏🙏🙏 तन रक्त है माता-पिता का ममता प्यार माँ भारती का प्राण प्रतिष्ठा महाकाल का प्रकृति से श्वांस हवा मिला तन मां पिता सपनों का भूत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 89 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 3 May 2024 · 1 min read चन्द्रयान तीन क्षितिज के पार🙏 चंद्रयान तीन क्षितिज के पार बेचैनी सात समंदर पार 🇧🇴 ☘️🌹🥇🌺🍀☘️🥇🍀 भारत तिरंगा फहरा चांद पे तल वितल नभ नव चंद्रतल मानस गुरु तुलसीदास जयंती श्रावण शुक्ला सप्तमी गुरुवार तेईस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 94 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 3 May 2024 · 1 min read माँ दहलीज के पार🙏 माँ दहलीज़ के पार🙏 ☘️🌷🌷🍀☘️ निज संतानो को पाला पोसा बड़ा हो जग सिंहासन पाया अफ़सर हो भारत माता का सेवा श्रम इक अवसर पाया शानोसौकत अफ़सरशाही में भूल गया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 89 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 3 May 2024 · 1 min read वगिया है पुरखों की याद🙏 वगिया है पुरखों की याद🙏 🍀☘️🌷🌹☘️🍀 नव किसलय का आनन सुगंधित नव पुष्प आलय सींची बगिया पुरखों की याद कलियाँ विकसित खिल सरस सुगंध बिखराने को पंखुड़ियां खुली समय पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 113 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 3 May 2024 · 2 min read मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳 मेरी माटी मेरा देश 🌿🇮🇳🌿💙🌿✍️ वीरों की माटी भारत देश देश हमारा भारत प्यारा माटी में है मां की ममता खून पसीना है पूर्वज का प्यार परिश्रम इक पिता का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 91 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 2 May 2024 · 1 min read चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏 चंदा मामा सुनले मेरी बात ? ☘️🍀🥀🥀🌿🌿🌸🌸 मैं नन्हा बालक अनजान खूब सुना है तेरी गुणगान चंद्रयान-3 पहुँच गया तेरे घर आंगन अपना तुझे मामा मान जरा इनकी दरस दिखा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 73 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 2 May 2024 · 1 min read कांटों के संग जीना सीखो 🙏 कांटों के संग 🙏 🏜️🏜️🏖️🏜️🏜️ कांटों से दर्द को समझो फूलो से हँसना सीखो कांटों बीच पलता पल जीवन निखार देता है चुभन घाव भर जाता नीरसता में रस भरता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 89 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 2 May 2024 · 1 min read मज़हब नहीं सिखता बैर 🙏 मज़हब नहीं सिखता बैर 🙏 🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀 मज़हब के प्यारे सज्जन पाओं कर्म से अभिवंदन शांत सद्भाव करूणा दया धर्म सिखाता जग नमन काया है मन मोहक माया शुभ चिंतक बन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 107 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 2 May 2024 · 2 min read बहना तू सबला हो🙏 बहना तू सबला बन जाना 🍀☘️☘️☘️☘️☘️ अनमोल तोहफ़ा हो जग का कुद़रत अमूल्य नगीना भू का जागों बहन जगा नारी को वक्त है कहां जो सोयी हो अचेतन छोड़ चेतन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 91 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 1 May 2024 · 2 min read नारी बिन नर अधूरा🙏 नारी बिन नर अधूरा 🌷🌷❤️🌷🌷🙏 नारी बिन नर अधूरा दोनों बिन जग अधूरा चालक एक जग सहारा जगकर्ता एक जगभर्ता नारी में नर का है प्राण नर में नारी का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 161 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 1 May 2024 · 2 min read रुत चुनाव की आई 🙏 रुत चुनावी आई ************* नेताजी रुतबा पंचबरसीय जनता के आंखों की मिरची माँ भारती की ये राजदुलारे सिंहासन की हैं शोभा पाते ले सपथ बैठते आसान प्यारे सत्ता भत्ता महत्ता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 76 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 1 May 2024 · 1 min read माँ की अभिलाषा 🙏 माँ की अभिलाषा 🌹🌷🙏🙏🌷 शिक्षा दीक्षा देती यतन से । कड़ी मेहनत मजदूरी कर पाला पोषा जिम्मेदारी से सूखी रोटी दो जून खाकर सहारा ले पर्व उपवास का मुंह दाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 93 Share