Ruchika Rai Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ruchika Rai 30 May 2024 · 1 min read आदमी ये देखो क्या से क्या हो रहा, संस्कार अपने सारे खो रहा, दिखावे की होड़ में गुम हो, बोझ गलतियों की ढो रहा। आपस में बेवज़ह की रार है, दिमाग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 88 Share Ruchika Rai 30 May 2024 · 1 min read यकीन मुझे यक़ीन है, ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में उनके द्वारा तय की गई परीक्षाओं की सार्थकता पर जब भी परीक्षाएं आती हैं कुछ न कुछ सिखाकर मुझे जाती हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 103 Share Ruchika Rai 29 May 2024 · 1 min read तुम खूबसूरत हो तुम खूबसूरत हो काश,किसी ने यह कहते हुए नही देखा हो वह गोरी है या काली है या फिर साँवली। नही किसी ने अपलक नैनों की आकार मन में मापा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 79 Share Ruchika Rai 27 May 2024 · 1 min read संवेदना मेरी संवेदनाओं का ग्लेशियर धीरे-धीरे पिघलने लगता है जब बेवज़ह की डाह की ताप में जलने लगता है कोई मन मेरे वजूद से। चाहती हूँ कि मेरी संवेदनाएं चिरस्थायी रहें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 101 Share Ruchika Rai 27 May 2024 · 1 min read आलिंगन गोधूलि बेला मद्धम होती रोशनी, सूर्य का पश्चिम दिशा में जाते -जाते, धीरे-धीरे आसमां में खो जाना, जैसे धरा और गगन करते आलिंगन। पहाड़ों से झरते झरने झर-झर कर, मधुर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 79 Share Ruchika Rai 26 May 2024 · 1 min read रिश्ते कभी कभी मैं सोचती हूँ और सोचती रह जाती हूँ। क्यों रिश्तों की दीवारें इतनी कमजोर होती की कोई आकर उनमें सेंधमारी कर जाता। क्यों छोटी छोटी बातों का मसला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 80 Share Ruchika Rai 25 May 2024 · 1 min read शाम जिंदगी की शाम में कर्मों का बहीखाता खोल जब हिस्सा लगाया। तब पता चला कितने ही कार्य करने बाकी रह गए। कितने ही कार्यों में बेवज़ह समय को गँवाया। अफ़सोस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 94 Share Ruchika Rai 23 May 2024 · 1 min read आँगन याद आता है बहुत वह गाँव का आँगन, जिसमें किस्से चलते थे खूब मनभावन, दादी चाची अम्मा की चटपटी सारी बातें कहानियों से लगते थे बड़े ही लुभावन। उसी आँगन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 87 Share Ruchika Rai 21 May 2024 · 1 min read पहली चाय माँ जैसा ही हुनर हो इसकी शुरूआत हुई रसोई से और रसोई में घुसते सबने कहा जरा चाय बनाना। चाय का रेसिपी तब यही समझा एक कप दूध ,एक कप... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 81 Share Ruchika Rai 21 May 2024 · 1 min read चाय जिंदगी की उलझनें सुलझाते -सुलझाते जब थक जाता है ये वजूद अब और नही यही आता है ख़्याल तब एक कप कड़क चाय बदल देती है जीने का अंदाज। घूँट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 54 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read मन भारी है बाहर के शोर पर मेरे मन का शोर भारी है, इसको शांत करने की नही कोई तैयारी है। जमाने की हर आँच मन पर जमी हुई गहरी, उस आँच से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 55 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read प्रेम रोको,टोको,चाहे मन पर बाँध लगाओ चाहे मन को सीमाओं में बाँधे जाओ, जाने अनजाने ह्रदय में प्रस्फुटित, प्रेम रूपी बीज का मन में अंकुरण पाओ। कभी ताकत बन सारे मुश्किल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 75 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read इजाजत है तुझे भी इजाजत अपने सपनों को जीने का, खुशियों के चंद लम्हें में गम को अपने पीने का, अपनी भावनाओं को प्रकट करना चाहे तो कर, रिश्तों के उधड़ते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 35 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read इश्क अंजाम ए इश्क़ कहाँ कौन समझ पाया है, इश्क़ का नशा जिसके रूह में समाया है। ख़्वाबों ख्यालों में एक चेहरा होता अक्सर, जिसके लिए दिल में जज्बात गहराया है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 45 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read कल्पना कल्पना के विस्तृत नभ में भागती फिरूँ मैं इधर उधर नही चाहती खो जाऊँ मैं अपने जीवन की हर सुहानी डगर। कल्पना की गहराई हो सदा ही, सागर से भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 49 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read जज्बात ये मेरे जज्बात मुझसे ही दगा कर जाते हैं, चाहती नही बयां हो फिर भी आँखों मे उतर आते हैं। न कोई सिलसिला न कोई वादा न कोई गिला, फिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 44 Share Ruchika Rai 17 May 2024 · 1 min read तू जो कह दे तू जो कहे लिख दूँ अपने सारे जज्बात, कह दूँ अपने मन में दबी हुई सारी बात, अपने एहसासों को शब्दों का जामा पहनाऊँ, तू जो कहे लिख दूँ तुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 50 Share Ruchika Rai 12 May 2024 · 1 min read दिल टूटा दर्द,तकलीफ,बेचैनी,उलझन और कश्मकश, टूटता रहा दिल नही कोई आहट, शिकवा,शिकायत, गिला किससे करें हम, ऐसा लगा मेरी नही कही भी जरूरत। प्यार,वफ़ा,दोस्ती,अपनापन ये जीने के बहाने, जिसके रहे हम सदा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 50 Share Ruchika Rai 12 May 2024 · 1 min read टूटता दिल चंद ख़्वाब, चंद हक़ीकत मुट्ठी भर धूप की थी जरूरत, चंद बोल प्यार के संग, और नही थी मन में कोई हसरत। तिनका-तिनका था सहेजा, टूट न जाए प्यार का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 61 Share Ruchika Rai 10 May 2024 · 1 min read जीवन कड़ी धूप में भी खिली खिली सी रहना, मुस्कुराते हुए जिंदगी के हर ताप सहना, आसान नही जीवन का ये रंग यारों, मगर खूबसूरत है ये हँसी का सुंदर गहना।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 61 Share Ruchika Rai 9 May 2024 · 1 min read कारण नित नई परीक्षाओं से गुजरी ये जिंदगी, फिर भी नही कभी यूँ ठहरी ये जिंदगी, हर परीक्षाओं में हल करने को प्रश्न, बड़े संयम और धैर्य से प्रयत्न करें जिंदगी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 50 Share Ruchika Rai 9 May 2024 · 1 min read शिकायत ज़िंदगी के धूप छाँव के संग में बढ़े, मुश्किल हालातों में नही पीछे हटे, दुख सुख दोनों को स्वीकारें सदा, फिर बेवज़ह मन में ईर्ष्या क्यों पले। अपनेपन की देख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 53 Share Ruchika Rai 5 May 2024 · 1 min read जिंदगी जी लो वक़्त के थपेड़ों को सह-सहकर आजिज हुए इस मन को जब उम्मीद का कोई प्रसुन नजर नही आता है। गाहे बगाहे आए हुए झंझावतों से जीवन पतझड़ सा बन जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 35 Share Ruchika Rai 4 May 2024 · 1 min read किरदार समय के साथ-साथ बदलते हैं किरदार, किसी ने दिया धोखा कोई बना वफादार। विपदा भी आती रही हमारे हिस्से में, किसी ने साथ निभाया कोई छोड़े मंझधार। हम भटकते रहे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 77 Share Ruchika Rai 4 May 2024 · 1 min read किरदार मेरे क़िरदार पर सवाल हो ये मंजूर नही, सवाल के डर से चुप रहूँ मैं मजबूर नहीं। जीवन की कहानी में निभाते हैं किरदार, वाहवाही हो सबकी इतने मशहूर नहीं।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 48 Share