Dr. Priya Gupta Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Priya Gupta 8 May 2024 · 1 min read *आत्म-मंथन* *आत्म-मंथन* भावुकता की चादर ओढ़, मूक नहीं होना होगा। अंधकार लिप्त आवरण फेंक, निरंतर अग्रसर होना होगा। संकल्प अटल करना होगा, स्वर्णिम पथ पर बढ़ना होगा। ऐसे पथ भी आएंगे,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 117 Share Dr. Priya Gupta 8 May 2024 · 1 min read *एक मां की कलम से* *एक मां की कलम से* ऐसी खुशहाली आई है, प्रसन्नता मन में छाई है। एक नवजीवन की अभिलाषा, मैंने अब पाई है। छोटा सा एक जीव मेरे, अंगों में आके... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 1 129 Share Dr. Priya Gupta 8 May 2024 · 1 min read *कविताओं से यह मत पूछो* *कविताओं से यह मत पूछो* कविताओं से यह मत पूछो, कितना एक मोल तुम्हारा है ।। कविता विचार का सागर हैं, हर शब्द अमृतधारा है।। कविता इतिहास का स्त्रोत हुई,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 124 Share Dr. Priya Gupta 7 May 2024 · 1 min read *ट्रक का ज्ञान* *ट्रक का ज्ञान* हो रही थी कॉलेज की देर, सरपट स्कूटी दौड़ाई। सुबह उठकर भी कॉलेज, जल्दी पहुंच न पाई। जबरदस्त गर्मी संग, रास्ते में भीड़ और पाई। रेलवे ट्रैक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 126 Share Dr. Priya Gupta 5 May 2024 · 1 min read *पीड़ा* *पीड़ा* दुख की बातें, मत करो मुझसे। शायद मेरा ह्रदय, याद ना कर सके। वो पीड़ा-युक्त रातें, जहां खड़ी ललाट पर। ढूंढ रही थी, खुशियों का तिनक सवेरा। जहां अश्रु-धारा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 109 Share Dr. Priya Gupta 4 May 2024 · 1 min read *देखो मन में हलचल लेकर* *देखो मन में हलचल लेकर* देखो मन में हलचल लेकर, प्यारे तुम घर मत आना। स्याह पड़ी सूरत पर अपनी, प्रभाकर लालिमा बिखराना। सूर्य की चटक किरणों संग, आलय को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 96 Share Dr. Priya Gupta 4 May 2024 · 1 min read *मनकहताआगेचल* *मनकहताआगेचल* अंजानी है राहें, बेपरवाह निगाहें। मंजि़लों का, मंज़र दूर सही। मन कहता आगे चल। अंधियारा, छाया हो। विषम परिस्थितियों का कितना ही, घना साया हो, कितनी भी हो, दूर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 87 Share Dr. Priya Gupta 4 May 2024 · 1 min read *प्रकृति-प्रेम* *प्रकृति-प्रेम* जीवन देना ईश्वर का काम, लेता क्यों फिर मानव प्राण शक्ति नहीं जीवन देने की, फिर क्यों उसको इतना अभिमान? निरपराध पशुओं की हत्या, और निरंतर प्रकृति का अपमान!!... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 112 Share Dr. Priya Gupta 4 May 2024 · 2 min read *बाढ़* *बाढ़* बादल से गिरती हुई बूंदे, जो परस्पर बन जाती हैं, सैलाब, सुनामी, बाढ़ इत्यादि! खो देती है अपना संयम, बहा ले जाती हैं, न जाने कितने घरों की दीवारें!... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 110 Share Dr. Priya Gupta 4 May 2024 · 1 min read *आदित्य एल-1मिशन* *आदित्य एल-1मिशन* सूर्य नमस्कार, कर रहा, चंद्र नमन के बाद। गौरवशाली क्षण, है आया। भारत रचता, इतिहास।। सीना चौड़ा कर रहे हम भारतीय। जुड़ते अपनी संस्कृति के साथ। शिक्षा का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 105 Share Dr. Priya Gupta 4 May 2024 · 1 min read *सर्दी की धूप* *सर्दी की धूप* यह ठिठुरन वाली सर्दी, और बालकनी तक आती सर्दी की धूप। संग पुरानी कुर्सी, चरमराती सी। गुमसुम पड़ी किताबें, और चिपके हुए पन्ने। कह रहें हो मानो,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 89 Share Dr. Priya Gupta 3 May 2024 · 1 min read *संवेदना* *संवेदना* नहीं रही संवेदनाएं, बस रह गई है अपेक्षाएं। अहंकार युक्त दूषित मन, स्वार्थ से भरे हुए मन, आधुनिकता के इस युग में, इस कलयुग में क्या ढूंढ रहे हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 74 Share Dr. Priya Gupta 3 May 2024 · 1 min read *पुस्तक* *पुस्तक* पुस्तकें मेरी, जब होती पास, आता ना मुझे, अतिरिक्त कुछ रास। शिक्षक बन जाती, मैं इनकी शिष्या। लाती मुझमें परिवर्तन, जब करती पढ़ने का, अथक प्रयास। मित्र बन मेरी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 102 Share Dr. Priya Gupta 3 May 2024 · 1 min read *मां* *मां* मां जो रहती पास मेरे तुम, आलिंगन से मुझे लगाती। कुछ ना कह पाती मैं जब, शब्द मेरे तुम बन जाती। रुदन मेरा सुनकर के तुम, पुचकारकर चुप मुझे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 94 Share Dr. Priya Gupta 3 May 2024 · 1 min read *हिंदी* *मातृभाषा हिंदी* भारतीय संस्कृति की यह गाथा , हिंदी हमारी मातृभाषा। स्वतंत्रता सेनानियों की गाए जो गौरव गाथा, ऐसी हमारी मातृभाषा। भारतेंदु हरिश्चंद्र के समय काल में, विकसित एकमात्र भाषा।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 102 Share Dr. Priya Gupta 2 May 2024 · 1 min read *हे शारदे मां* *हे शारदे मां* हे शारदे मां! हे शारदे मां ! अज्ञानता से हमें तार दे मां। वीणा है तेरे हाथों में शोभित, कंठ में मेरे झनकार दे मां, सुरों का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 102 Share Dr. Priya Gupta 2 May 2024 · 1 min read *होली* *होली* कान्हा के संग प्रीत लगाई, राधा जी मन-मन मुस्काई, आई होली आई। बरसाने में गुलाबी फुहारों से, गोपियों ने धूम मचाई, आई होली आई। लाल,हरे, गुलाबी,पीले, और नीले रंगों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 91 Share Dr. Priya Gupta 2 May 2024 · 1 min read *किसान* *किसान* मैं किसान, मेहनत करना मेरी शान। दिनचर्या में शामिल, सुबह से शाम। जब भी थक जाता, दोस्त बन जाती पेड़ो की छांव। मैं किसान, भले ही खाता, नमक संग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 102 Share Dr. Priya Gupta 2 May 2024 · 1 min read *अयोध्या* *अयोध्या* अयोध्या नगरी का हुआ विकास, जो थी सदा से भक्तों की खास। वर्षों बाद समय यह आया, रामलला को साक्षात मंदिर में पाया। राम जन्मभूमि,हनुमानगढ़ी, सरयू तट और कनक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 113 Share Dr. Priya Gupta 2 May 2024 · 1 min read *नारी* #नारी नारी शब्द, सिर्फ शब्द ना। नारी मन, एक आस है। जिज्ञासा है, आचार है। यह अर्थ है, विश्वास है। कर्तव्य है, सुविचार है। दुष्ट कृत्यों पर, यह प्रहार है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 104 Share Dr. Priya Gupta 2 May 2024 · 1 min read *मित्र* #मित्र# एक बात कहूं तुझसे प्रियवर, सुख ढूंढ कहीं, पर ढूंढ सही.. इस जीवन में विस्तृत गम है, माना खुशियों के मौसम कम हैं!! लोगों से मिल कुछ मित्र बना,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 88 Share Dr. Priya Gupta 1 May 2024 · 1 min read *शिवरात्रि* *शिवरात्रि* हो रहा शिवरात्रि का आगमन, भारत का संस्कृतिक पर्व अति पावन। शिवजी पर चढ़े बेलपत्र, धतूरा और भांग, शिवरात्रि रंगती भक्तों को भोले के रंग। स्त्रियां गाती शिव-पार्वती के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 85 Share Dr. Priya Gupta 1 May 2024 · 1 min read *देखो ऋतु आई वसंत* #देखोऋतुआईबसंत🌿🌾 देखो ऋतु आई बसंत!🌾 संग अपने संतुलन है लाई, गर्मी-सर्दी का हो रहा मिलन। वृक्षों पर कोपल फूल रहे हैं,🌷 भवरों के मन डोल रहे हैं। सरसों की भीनी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 75 Share Dr. Priya Gupta 1 May 2024 · 1 min read *श्रीराम* *श्रीराम* करती हूं आपका वंदन, सदा ही आपका अभिनंदन। मूल्य दिए जो लोगों को, करती मैं शत-शत नमन। आप जीवन का आधार हैं, शक्ति अपरंपार है। आप हैं निर्माता जीवन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 69 Share Dr. Priya Gupta 1 May 2024 · 1 min read *नववर्ष* *नववर्ष* नववर्ष आया। प्रज्वलित हुए दीप आशाओं के, निराशा के क्षण पीछे छोड़ जीवन उमंग लाया। नव वर्ष आया। आनंदित हृदय, खिलते मन उपवन, अंधकारपूर्ण चक्षुओं में, टिमटिमाते तारे... Poetry Writing Challenge-3 · नववर्षहिंदीकविता 1 89 Share