पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 31 May 2024 · 2 min read दिल का मासूम घरौंदा आज फिर स्याह रात उतर आयी पूस का ठिठुरता माह गर्म होने लगा मेरे भीतर बेचैनी भरा सन्नाटा नीरवता ओढ़े पसरने लगा किन्तु विभावरी की स्याह तिमिर कोलाहल को समाप्त... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 117 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 31 May 2024 · 1 min read अर्धांगनी पहचान ही न पाये कि मैं तुम्हारी जीवन संगीनी हूँ, तुम्हारी अर्धांगिनी हूँ, कभी महसूस ही नही किया कि तुम्हारे अस्तित की पूरक हूँ, बस महसूस किया तुमने महज एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 86 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 31 May 2024 · 1 min read बेटी एक एक पल जो गुजरा वो भारी था दामन में, मेरा होकर भी पृथक हो रहा था मेरे अस्तित्व से, और मेरे अहसास उसके टूटन के साथ जङ हो बिखर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 85 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 30 May 2024 · 1 min read गुज़ारिश है तुमसे गुज़ारिश है तुमसे..... फूलों, ये कोपलें जैसे खिलते खिलकर तुम ऐसे आना। वीराना ये दिल पड़ा है, बिन आहट वसंत होके तुम आना। सुबह की ओस बनके ठहर जाये स्मृति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 78 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 30 May 2024 · 1 min read पंख अन्तर्मन के ज़ख्म कुरेद कर बार बार वक्त वक्त पर सहलाता है, मजबूरी पर मेरी हँस कर मरहम वो लगाता है,, जैसे पत्थर दिल हैं हम इंसां नही हालात पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 89 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 30 May 2024 · 1 min read ऐ मेरी जिंदगी ऐ मेरी ज़िंदगी तुम मुझसे करीब से मोहब्बत करती रही, और मैं जाने कहाँ मुद्दत से तुम्हें तलाशती रही, ऐ प्यारी जिन्दगी मेरी, मेरे मन के आवारापन में तू मुझे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 112 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 30 May 2024 · 1 min read गृहणी का बुद्ध कभी खिड़कियों से झाँकती बुद्ध को, कभी घर की दीवारों से सुनती बुद्ध को, और किसी कोने में सजी बुद्ध को, तरतीब करती और उसपे चढ़ी धूल को पोछती उसी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 124 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 22 May 2024 · 1 min read यादों की बारिश याद तो उसकी बहुत आती है, पर कुछ मजबूरी आड़े आती है, बहुत कुछ कहना चाहे दिल, पर एक दूरी साथ आती है माना कि वो समझ लेता सब कुछ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 102 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 22 May 2024 · 1 min read जिन्दगी तेरे लिये कितने जख्म खाये कितने दर भटके ढूँढ़ती रही हर निगाह में तुझे, करती रही सफर बुझे बुझे, अन्धेरे में टटोलती रही, उजाले में तुम्हारी तस्वीर बनाई, तुझे पाने की चाहत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 98 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 22 May 2024 · 1 min read हम बदल गये कुछ मोड़ ऐसे भी थे जहाँ से जिन्दगी बदल गई, हम बदल गये, राहें बदल गयी, झकझोर दिया हमें, झड. गये पीले पात सा, ठहर गये ठूठे पेङ सा, एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 98 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 21 May 2024 · 1 min read लड़ाई इक लड़ाई खुद से लड़ती हूँ, अपनी अच्छाई से खुद की बुराई को जीत सकूँ। वो नफरत जो दुनिया ने मेरे भीतर पैदा किये , प्यार में बदल सकूँ। रुक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 74 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 20 May 2024 · 1 min read रात की नदी में रात की नदी में निर्बाध बहती चेतना, विस्तृत होती हृदयपटल पर खोलती रहस्य जीवन का, मौन के एक शोर में हिलती चाँद की प्रतिछाया, चाँदनी नृत्य करती मधुवन में कृष्ण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 80 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 20 May 2024 · 1 min read यादेँ जब मन के वेग ठहर जाते, संसार मन से विलग हो जाता, सूकून के पलों में आँखे मूंदे, तुम अब भी याद आते हो। जब अरमां के बादल , मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 84 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 20 May 2024 · 1 min read आवारा बादल मन रंगीन बादलों सा अवारा अधखुला सा नींद में , चाहे ,अनचाहे उड़ते चले जाते...पर न जमीं पर ,न आसमाँ में ठौर कहाँ? कहीं और, दूर कहीं और.. जहाँ सूरज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 114 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 20 May 2024 · 1 min read माया काया में जलते हो, माया में जलते हो, हसरतों के बाजार में खुदी को बेचकर जलते हो। कुछ देर का ठहराव है, दुनिया एक सराय है, ये घर नही अपना,... Poetry Writing Challenge-3 · Poem 64 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 20 May 2024 · 1 min read आकाश न जाने क्यों खींचता है भीतर कहीं, हमारे अंतर्मन की शून्यता को झाँकता ये आकाश की शून्यता? इसके निःसीम नीलाभ में धुलते समस्त अहसास न जाने कब और कैसे मन... Poetry Writing Challenge-3 46 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 20 May 2024 · 1 min read ओस जिन्दगी तू बार बार मेरे दिल को आजमाती क्यों हो? हम तो जल कर पिघल ही रहे हैं, तेरे सांचे में ढल ही रहे है, तूफाँ से मुझको बुझाती क्यों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 70 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 19 May 2024 · 1 min read मैं कौन हूँ धरा हूँ या गगन , तूफा हूँ कोई सघन। प्रकृति की लय हूँ या खुद में विलय हूँ, पराजय की शिखर पे हुंकार कोई विजय हूँ। पीड़ा के गर्भ से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 58 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 19 May 2024 · 1 min read दिल से पूछो दिल से पूछो,कहाँ उसने ठोकर खायी, संभल संभल कर चलना । दिल से पूछो,कहाँ उसने गलती की, संभल कर समझना। दिल से पूछो,कहाँ उसने झूठ कहा, सच को सच में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 48 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 19 May 2024 · 1 min read मुझे भूल जाना हो सके तो तुम मुझे भूल जाना कभी तुमसे कोई गज़ल होकर मिला था, कभी तुम्हे भोर का सितारा कोई नींद से जगाया था, कभी तुम्हारे धड़कनों पे हाथ रख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 44 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 18 May 2024 · 1 min read तिश्नगी सोचते रहते अक्सर ये जिन्दगी क्या है, कल क्या है, आज क्या है, कल क्या है, सभी समय की परतों में आबद्ध ,नदी सा बहता मन के भीतर, किसी भी... Poetry Writing Challenge-3 1 59 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 18 May 2024 · 1 min read तुम्हारा स्पर्श तुम्हारा स्पर्श पाते ही पिघल जाता सब कुछ अंतर्मन में जो भरा पड़ा है, बह जाता वह सब कुछ जो पीड़ा घनीभूत जमा है, सदियों से बंद पलको के द्वार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 69 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 18 May 2024 · 1 min read दरख्त दरख्त हो गये हम , बहुत ही सख्त हो गये हम , चेतना की जड़े बेहद गहरी हो गई , अनुभव की पपड़ियां चढ़ते औए झड़ते उम्र की शाख पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 117 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 18 May 2024 · 1 min read इंतज़ार ऐसी भी क्या बेरूखी यारा राह में तेरे, दिल को बिछाए बैठे हैं। तन्हा हूँ मगर आँखों में यारा महफिल तेरी ही सजाऐ बैठे हैं। मद्दतो बाद मिले हो साथी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 40 Share पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल) 18 May 2024 · 1 min read बन बादल न कोई भरा क्षितिज सा विस्तृत दिखाई देती जिंदगी दूर से दृष्टिगत धरती सा अनुभव और व्योम सी भावनाएं सूक्ष्मता से करीब उतरे तो दोनों का मिलन एक दिवास्वप्न आचेतनता की अवस्था में... Poetry Writing Challenge-3 1 81 Share