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गुज़ारिश है तुमसे….. जैसे चाँदनी रात की शीतलता, अपने आँचल में हमें समेट लेना। बनके खुशबू हवा में बिखर जाना, हमारी साँसों में यूं समा जाना।
😊🙏
गुज़ारिश है तुमसे…..
जैसे चाँदनी रात की शीतलता,
अपने आँचल में हमें समेट लेना।
बनके खुशबू हवा में बिखर जाना,
हमारी साँसों में यूं समा जाना।
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