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5 Jun 2024 03:31 PM

गुज़ारिश है तुमसे…..
जैसे चाँदनी रात की शीतलता,
अपने आँचल में हमें समेट लेना।
बनके खुशबू हवा में बिखर जाना,
हमारी साँसों में यूं समा जाना।

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