Nitesh Shah Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read पुस्तक वे राज़ सारे खोलती हैं , भ्रम सारे वे तोड़ती हैं , राह हमको दिखाती हैं, किताबे कुछ कहती हैं , अज्ञानता हर लेती हैं, ज्ञान सदा वो देती हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 48 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read महात्मा गांधी सत्य अहिंसा के बल पर, जिनने परचम लहराया , उनकी दृढ इच्छा शक्ति ने , शूरों का माँ बढ़ाया , बिना खडग और ढाल के ही , अग्रेजों को था... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 49 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read शिक्षक अज्ञान अँधेरा दूर करे जो, ज्ञानांजन बढाता है, गुरु का दर्ज़ा इस जग में, सबसे ऊँचा होता है, गुरु बिन ज्ञान नहीं संभव, वह ही राह दिखाता है, इसीलिये इस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 51 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read मातृभाषा हिंदी हिंदी है सबकी पहचान, हिंदी से है देश महान, पढ़ते हम गीता कुरान, हिंदी में है पूरा ज्ञान, हिंदी का सब करो सम्मान, हिंदी भाषाओं में प्रधान, है तीसरा इसका... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 71 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read कुत्ते का दर्द एक वफादार कुत्ता, मित्र से बोला यार मैं हूँ बड़ा परेशान, मालिक ने लिखवाया, कुत्ते से सावधान! अरे! ये मानवीय स्वान, बनते हैं हमसे महान, हमारी ही वफादारी पर, ये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 55 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read आतम अनुभव आतम अनुभव आतम अनुभव करना रे भाई ! सप्त तत्व का ज्ञान सु धरना, मिथ्यातम को हरना रे भाई , आतम अनुभव करना रे भाई !।। क्रोध-मान-माया-लोभादिक, नहीं आतमा का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 35 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read कविता-सुनहरी सुबह सुबह हमें जगाती है, काम की याद दिलाती है, सुबह हमें सबसे पहले, प्रभु की याद कराती है, रोज़ सवेरे सबसे पहले, सूरज से मिलवाती है, सुबह की शोभा हम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल/गीतिका 36 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read उम्र घटने लगी उम्र घटने लगी, साँस थामने लगी, है बची ज़िंदगी आखिरी ........ देव जाने नहीं, शास्त्र जाने नहीं, नहीं जानी गुरु की है, महिमा कभी, अब क्या होगा प्रभो, अब क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 32 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सोचा एक अफ़साना लिख दूँ, सोचा एक अफ़साना लिख दूँ, ज़िन्दगी का फ़साना लिख दूँ, अवसर एक सुहाना लिख दूँ, खुशी का परवाना लिख दूँ ।। गुज़रा हुआ ज़माना लिख दूँ, रूठना और मनाना लिख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 32 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read पिता पिता समान न जग में कोई, पिता सभी की जान है, पिता नहीं तो कुछ भी नहीं है, पिता है तो जहान है।। पिता से ही दिन, पिता से ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 55 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read होली आई, होली आई, होली आई, होली आई, रंगों की सौगात है लाई।। ठंडक की हो गई विदाई, ग्रीष्म ऋतु की प्रभा है छाई। गुजिया और मिठाइयाँ खाई, मानवता की लौ है जलाई। होली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 42 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read बच्चे देश की शान हैं बच्चे देश की शान हैं, हमें उनपर अभिमान हैं, बच्चे मन के सच्चे हैं, सबकी आँखों के तारे हैं, बच्चे सबको भाते हैं, सबके मन को लुभाते हैं, देख-देख बच्चों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 59 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read दीप जले जब सारी धरती आन मिले, जब मानवता का स्नेह जगे, जब हर मानव बंधु-सा लगे, तब मन ही मन में दीप जले।। जब भाई-भाई के गले लगे, जब न रहीम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 31 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सूरज क्यों चमकता है? कविता-डॉ.नितेश शाह सूरज क्यों चमकता है? आग-सा क्यों दहकता है? चाँद क्यों दर-दर भटकता है? बादल क्यों बरसता है? क्यों बहती जलधारा है? क्यों दरिया इतना खारा है? क्यों नदियाँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 79 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read आँखें कुछ कहती हैं? आखें कुछ कहती हैं? सच को सच और झूठ को झूठ पढ़ लेती हैं, आखें कुछ कहती हैं? बंद आँखों से अपनेपन की बात वह समझती हैं आखें कुछ कहती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 68 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read एक ज़माना ... एक ज़माना ... एक ज़माना था जब चिट्ठी-पत्री आती थी, तब पिय के मन की बात समझ में आती थी।। एक ज़माना था जब टेलीफोन पर गुफ्तगु होती थी, तब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 32 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read दीप जलाएँ आओ मिलकर दीप जलाएँ, करुणा,दया, प्रेम दीपक में, स्नेहों का तेल चढ़ाएं... आओ मिलकर दीप जलाएँ ll भेदभाव की ना हो आँधी, राग-द्वेष की ना हो व्याधि, समता की सरिता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 40 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read आज कल के लोग बड़े निराले हैं, आज कल के लोग बड़े निराले हैं, आज कल के लोग बड़े निराले हैं, माँ को मोम, पिता को डेड बताने वाले हैं, अब हमारे सारे काम, मोबाइल के हवाले... Poetry Writing Challenge-3 · Memoir · Poem 53 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा, अलगाव की घटाएं हमको नहीं डिगांए, भाषा अनेक रंग भी हम एक हो मर जाएँ, पर मरते मरते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 71 Share Nitesh Shah 12 May 2024 · 1 min read माँ माँ की क्या मैं बात कहूँ, क्या उनसे फ़रियाद करूँ, इस जग में उसके जैसी, किसकी मैं पहचान करूँ, माँ के आगे नतमस्तक हो, जीवन यह साकार करूँ, तन, मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · दोहा · बाल कविता · मुक्तक 1 76 Share Nitesh Shah 8 May 2024 · 1 min read इण्डिया नहीं भारत है कहना, इण्डिया नहीं भारत है कहना, अब न किसी से हमें है झुकना, भरत के नाम से बना था भारत, इण्डिया थी अंग्रेजों की कयामत, जब जापान है जापान, नेपाल भी... Poetry Writing Challenge-3 · Article · Poem 98 Share Nitesh Shah 7 May 2024 · 1 min read आधुनिक दोहे आधुनिक दोहे इंसान ही इंसान को अब, कर रहा शर्मसार, नहीं कोई दिख रहा है, अब बचावन हार।। छोटी सी है ज़िंदगी, करता कुकर्म हज़ार, ना जाने कब पाएगा, यह... Poetry Writing Challenge-3 · Article · Poem · Story 78 Share Nitesh Shah 6 May 2024 · 1 min read मुक्तक 1) प्रेम रंग से भरी , सर ज़मी चाहिए दर्द को बाँट ले , आदमी चाहिए स्वार्थ की आग में, ये चमन जल रहा आदमी सा कोई , आदमी चाहिए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मुक्तक 1 122 Share Nitesh Shah 6 May 2024 · 1 min read आओ मिलकर एक हो जाएँ !! आओ! आज हम एक हो जाएँ, आओ! हमारे काम नेक हो जाएँ, आओ! मिलकर गीत यह गाएँ, आओ! आज सबके भेद मिटाएँ।। आओ! आज एक देश बनाएँ, आओ! सुनहरा इतिहास... Poetry Writing Challenge-3 · Poem · Story 1 93 Share Nitesh Shah 2 May 2024 · 1 min read नारी इस धरती पर लाती हमें, प्यार और ममता लुटाती है, सारे गम सहकर सुख देती, वह महिला कहलाती है।। अपने आँचल में पाल पोसकर, जीने की राह बताती है, अपने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · शेर 1 165 Share