संतोष बरमैया जय Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read विश्व राज की कामना जग वंदन हो भारत माँ का,मेरी यह अभिलाषा। एक शब्द में विश्व गुरु की, भारत हो परिभाषा।। जनगण-मन ये वन्देमातरम, विश्वगान बन जाये। विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, तीन-लोक लहराये। भारत... Poetry Writing Challenge-3 3 76 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read घर-घर तिरंगा आजादी का जश्न मनाओ, सारे हिंदुस्तान में। घर-घर में फहरा है तिरंगा, भारत माँ की शान में।। इस माटी की सोंधी ख़ुशबू, कंकर भी अनमोल हैं। जाति, धर्म और बोली... Poetry Writing Challenge-3 2 90 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 2 min read मैं बेटा हूँ मैं बेटा वंश का दीपक खुशी घर घर में लाता हूँ। लुटा सर्वस्व भी अपना, मैं रिश्तों को निभाता हूँ।। कलेजे का मैं टुकड़ा हूँ, नयनतारा हूँ माता का। पिता... Poetry Writing Challenge-3 2 61 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read जागो माँ के प्यारे जागो माँ के प्यारे जागो, जागो राज दुलारे। अभी समय है मिल जाएंगे हक अधिकार तुम्हारे।। व्यक्तिगत जीवन की छोड़ो, हर पीढ़ी की सोचो। कैसे उस मंजिल तक चढ़ना, उस... Poetry Writing Challenge-3 2 61 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read पर्दा खोल रहा है अब सच्चाई और झूठ के पर्दे को यह खोल रहा है। दर्पण नाजुक सा है लेकिन सच्चाई को बोल रहा है।। पिता-पुत्र-माता का रिश्ता कागज तक सीमित हो बैठा। बहन-भाई-भाई... Poetry Writing Challenge-3 2 80 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read शिष्टाचार की बातें आओ बच्चों आज सिखायें, बातें शिष्टाचार की। इस दुनिया में कीमत होती, सरल, मधुर व्यवहार की।। सुबह-सबेरे जल्दी उठना, नित करना व्यायाम को। मात-पिता के चरण पखारो, नमन करो श्रीराम... Poetry Writing Challenge-3 1 63 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 2 min read व्यथा बेटी की कथा बनी इक गुड़िया-रानी, मानव अत्याचार की। कण-कण माटी का शर्मिंदा, अति से व्यभिचार की।। नभ जल थल पाताल हरेक भी, खूँ के आँसू रोता है। किसी अभागन के संग... Poetry Writing Challenge-3 1 58 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read विदाई गीत लो विदाई दे रहे हम, आपको कर जोड़कर। खुश वहाँ रहना जहाँ पर जा रहे हो छोड़कर।। वक्त का यह खेल है या भाग्य का लेखा कहूँ। रीति प्यारी है... Poetry Writing Challenge-3 2 60 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read हर शब्द सिद्धांत शब्द हर एक वाक्य को सिद्धांत माना जाएगा, इसलिए तुम सोचो समझो और बोलो बात को।। कल तुम्हारे बोल होंगे हर जुबां हर गीत में। ये नियम आदर्श शामिल होंगे... Poetry Writing Challenge-3 1 55 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read कल से भी बेहतर करो कल तुम्हारे नाम से यह ग्राम जाना जाएगा। इसलिए हर कर्म को तुम कल से भी बेहतर करो। ग्राम की तस्वीर कल अखबार में छप जाएगी। तुमसे मिलने, देखने तुमको,... Poetry Writing Challenge-3 2 68 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read प्रेरणा गीत सुनो परिंदे उड़कर तुमको आसमान तक जाना है। राह कठिन आगे की तुमको खुद आसान बनाना है।। मैं और मेरा साथ यहीं तक मुझको साथ निभाना था। मैने तुमको सब... Poetry Writing Challenge-3 1 60 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read लहू का कारखाना हम कहाँ गुजरा जमाना चाहते हैं। हम नये युग को सजाना चाहते है।। अब नदी तालाब पर्वत सब खिलेंगे। नव सदी की नव सुबह से हम मिलेंगे। चाँद, सूरज, ग्रह,... Poetry Writing Challenge-3 2 46 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read नैया पार हो गई औलाद बड़ी होके,,,,,,समझदार हो गई। समझो कि नैया जिंदगी की पार हो गई।। औलाद के सुख से बड़ा सुख है भला कहाँ? औलाद की मुस्कान सा गुल है खिला कहाँ?... Poetry Writing Challenge-3 1 38 Share संतोष बरमैया जय 11 May 2024 · 1 min read मन मेरे बासंती हो जा सुबह सुनहरी शाम गुलाबी, पहर-पहर महकाये हैं। मन मेरे बासन्ती हो जा, ,,,, ऋतुराज अब आये हैं।। नर्म-नर्म ठंडी और गर्मी, ,,,,, धूप-छांव भी कोमल है। शाक वृक्ष पर नई... Poetry Writing Challenge-3 1 33 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read ले आओ बरसात जंगल झाड़ी सूखी सारी, सूखी सारी घास। काले-काले बादल भैया, ले आओ बरसात।। तपती रहती सड़कें सारी, पगडण्डी की रेत। तेज धूप में मिट्टी फटती, सहमे सारे खेत। जनमानस की... Poetry Writing Challenge-3 2 27 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read कर्म ही आड़े आएगा कहती है गीता कर्म है पूजा, कर्म ही आड़े आएगा। तूने जैसे कर्म किया है, वैसे ही फल पाएगा।। मस्त रहा यौवन के मद में, प्रेम-विवाह रचाया था। सम्बंधों को... Poetry Writing Challenge-3 1 29 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read और तराशो खुद को कठिन घड़ी में उठने वाले, हर प्रश्नों का उत्तर कर दो। और तराशो खुद को इतना, खुद से ही तुम बेहतर कर दो।। काटो-छांटो, ठोको-पीटो, दो सुंदर आकार अभी। इस... Poetry Writing Challenge-3 1 31 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read मृत्यु तय है आसमान को छूना है तो, अपने कद को आप बढ़ा लो। जीवन पहली बार मिला है, चाहे जैसा आप सजा लो।। अंतर्मन की उमंग, तरंग को, पिरो-पिरोकर राग बनाओ। हृदय-ध्वनि... Poetry Writing Challenge-3 2 35 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read परिवार सबसे बड़ा खजाना है दूर बहुत है घर अपना पर, मुझको तो घर जाना है। दुनिया में परिवार मेरा घर, सबसे बड़ा खजाना है।। झूठे सपनों की दुनिया में, सच्चे सपने टूट रहे। दौलत... Poetry Writing Challenge-3 1 36 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read हक मिल जाए सबको अपना हक मिल जाये, इतनी सी मैं बात करूंगा। बच्चे बूढ़े संग मुस्काये, ,,,,,,,, इतना सबको पास करूंगा।। गर्मी के मौसम में गर्मी, ,,,,,,,,,,, सर्दी के मौसम में सर्दी।... Poetry Writing Challenge-3 24 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read विश्वास कर ले शांत होकर आज अपने आप से भी बात कर ले। हे! मनुज भगवान पर भी थोड़ा सा विश्वास कर ले।। है भयावह दृश्य लेकिन दृश्य से डरना नहीं तू। मौत... Poetry Writing Challenge-3 1 26 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read ओस बूंद का राज दादी कहती आज बताऊँ, ओंस बूंद का राज। ओंस बूंद कैसे बनती है, कैसे करती काज? क्या पत्ते गिरने से पहले, रोते पत्ते-शाख।। चंदा-सूरज ग्रह ये तारे, रोते भरके आँख।... Poetry Writing Challenge-3 1 33 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read चंदा मामा आओ छत पे चन्दा मामा आओ छत पर, पूछूँ एक सवाल। कैसे अपना रूप बदलते, कैसे अपनी चाल।। चंदा मामा,,, चंदा मामा,, पूनम में रोटी के जैसे, दिखते पूरब ओर। चाँदी जैसी चटक... Poetry Writing Challenge-3 1 24 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read कर दो वारे-न्यारे जागो! वीर-सपूतों जागो, जागो माँ के प्यारे। जो भी आँख उठाये उसके कर दो वारे-न्यारे।। एक बार फिर पार करो हद, दुश्मन को ललकारो; चीन खड़ा गलवान घाट पर, उसको... Poetry Writing Challenge-3 1 29 Share संतोष बरमैया जय 10 May 2024 · 1 min read जीत का विधान जीत का विधान ************* जीत का विधान हौसलों भरी उड़ान हो। जीत जल जमीन आसमान या जहान हो।। ★★★★★★★★★★★★★★ लक्ष्य, लक्ष्य, लक्ष्य, लक्ष्य एक ही बनाइये। लक्ष्य-भेद-तीर लक्ष्य-लक्ष्य पर चलाइये।... Poetry Writing Challenge-3 1 38 Share