महेश चन्द्र त्रिपाठी "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महेश चन्द्र त्रिपाठी 27 Apr 2024 · 1 min read तुम्हारी याद जब तुम्हारी याद आती एक तारा टूटता है शान्त ज्वालामुखी उर का दहकता है, फूटता है जब तुम्हारी याद आती कांच—सा मन दरकता है और नयनों से व्यथा का एक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 84 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 26 Apr 2024 · 1 min read जनता की कैसी खुशहाली खुशहाली कैसी जनता की जनता की कैसी खुशहाली जनगणमन करता है क्रन्दन आहत भारतमाता का तन भागा भागा फिरता है मन सावन में बरस रही गाली जनता की कैसी खुशहाली... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 63 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 25 Apr 2024 · 2 min read समारोह चल रहा नर्क में नर्क, नर्क रह नहीं गया अब, भीड़ बढ़ रही, घनानन्द है। समारोह चल रहा नर्क में, द्वार न अब तक हुआ बन्द है ।। दूरदर्शनी चैनल अनगिन पत्र-पत्रिकाएं दिन-अनुदिन खड़े... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 5 95 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 24 Apr 2024 · 1 min read बदल रहा परिवेश बढ़ती जाती आपाधापी बदल रहा परिवेश हमारा। अंधाधुंध कट रहे हैं वन बढ़ता जाता सतत प्रदूषण होती जाती हवा विषैली वनीकरण अब केवल नारा। बदल रहा परिवेश हमारा ऊंचाई की... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 44 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 23 Apr 2024 · 1 min read उॅंगली मेरी ओर उठी उँगली मेरी ओर उठी मैं मौन हुआ जाता हूँ मानव नहीं मिल रहा ढूँढ़े किसको गुरू बनाऊँ किससे कुछ सीखूँ मैं किसके सम्मुख शीश झुकाऊँ बरस रहे हैं व्यंग्य चतुर्दिक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 48 Share