Satish Srijan "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Srijan 18 Mar 2024 · 1 min read जीवन में दिन चार मिलें है, जीवन में दिन चार मिलें है, बीत रहे बन सांझ सवेरे । चाहे जो भी कर ले उनका, आज का पल बस हाथ में तेरे । बीता कल तो चला... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 69 Share Satish Srijan 18 Mar 2024 · 1 min read राह कठिन है राम महल की, राह कठिन है राम महल की, अति श्रम करके है पाना। भले मूर्ति की पूजा उत्तम, पर उससे भी आगे जाना। हनुमत को प्रसाद चढ़ाया, दुर्गा देवी मन से ध्याया।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 65 Share Satish Srijan 18 Mar 2024 · 1 min read एक ही राम आब ए जम-जम पीकर देखा, गंगाजल भी पान किया। उसका रूप मिला जैसा भी, जी भर के गुणगान किया। वाहेगुरु,रब,राम,यहोवा, सबका एक सा काम मिला। अंदर झाँका एक नूर था,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 85 Share Satish Srijan 18 Mar 2024 · 2 min read सब अनहद है जिसने सूरज चाँद बनाया, धरा गगन ब्रह्मांड बनाया। जिसने सुमन सुंगन्ध भरा है, जिससे तरु तृण हरा हरा हैं। अनन्तक्षितिज तक जो भी हद है। और नहीं कुछ सब अनहद... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 56 Share Satish Srijan 18 Mar 2024 · 1 min read एक ही तारनहारा मंदिर,मस्ज़िद या गिरजाघर, या गुर का गुरुद्वारा। वही एक रब सब नीं थाई। एक ही तारनहारा। केवल मन में बहम भरा है, लगता तेरा मेरा। मानव बांट लिया उस प्रभु... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 49 Share