Dr. Vaishali Verma Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Vaishali Verma 13 Feb 2024 · 1 min read वसंत पंचमी आया वसंत ऋतु में वसंत पंचमी का त्यौहार, सुबह- सँवरे शुरू हो गयीं विद्या देवी की पुकार विद्यालय, घर ,चाहें हो कोई द्वार ॥ शुरू हो जाती माँ सरस्वती की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 197 Share Dr. Vaishali Verma 13 Feb 2024 · 1 min read 🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸 कभी दुर्गा,कभी काली 🩸कभी भक्ति, कभी शक्ति किसी का नूर ,किसी का कोहिनूर 🩸किसी की रानी,किसी की दासी!! किसी का सहारा, किसी की चाहत 🩸कही करें बलिदान, कही करें आत्मसम्मान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 133 Share Dr. Vaishali Verma 13 Feb 2024 · 1 min read *******खुशी********* 🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂 ☺️खुशी खुशी ऽऽऽऽऽऽऽऽ ओ रे मेरी सखी, ज़रा बता, क्या हैं खुशी? जो रुलाए,या जो हँसाये॥ जो हृदय को दुखाए,या वो जो ह्रदय को सहराए॥ ओ रे मेरी सखी,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 148 Share Dr. Vaishali Verma 13 Feb 2024 · 1 min read 🍁अंहकार🍁 🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂 *हे ज़मीं के पंछी न कर काया पर अहंकार* एक दिन मृतक बन मिट्टी में मिल जाना हैं॥ *हे ज़मीं के पंछी न कर माया पर अहंकार* एक दिन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 163 Share Dr. Vaishali Verma 13 Feb 2024 · 1 min read ॥॰॥॰॥॰॰आतिथि आगमन॰॰॥॰॥॰॥ 🍁जब आयें अतिथि निज द्वार ,हुआ अच्छें से स्वागत सत्कार !! बैठाया बड़े भाव से, कराया जल का पान बोले हम बड़े प्यार से कैसे है श्रीमान, दिया मीठा पकवान... Poetry Writing Challenge-2 126 Share Dr. Vaishali Verma 12 Feb 2024 · 1 min read ~~तीन~~ 🍀🍀🍀🍀 *हे नवयुवक न करो तीन पर अभिमान धन, बल, सुंदरता॥ हे नवयुवक न करो तीन पर विलाप कल, आज, काल॥ हे नवयुवक न करो तीन पर अत्याचार निर्बल, लाचार,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 137 Share Dr. Vaishali Verma 12 Feb 2024 · 1 min read *फिर उठोगे* आज बिखरे हो,कल एक नयी किरण के साथ फिर उठोगे। जो बैठ गया थककर फिर एक दिन उड़ान भरोगे रुकी हुई मंज़िल को फिर से पाने का हौसला रखोगे। आज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 79 Share Dr. Vaishali Verma 12 Feb 2024 · 1 min read **स्वयं की बात** दूसरों में नुस्क निकालने , यूँ न करो वक्त बरबाद स्वयं का विश्लेषण कर, स्वयं की बात करो।। न चलो टेड़ी चाल, न चलो तुम उल्टी चाल कदम से कदम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 129 Share Dr. Vaishali Verma 12 Feb 2024 · 1 min read *बन्नो की सगाई* 🌹शुरू हुआ नया सफर, प्रवेश हुआ नया हमसफ़र आज हैं मेरी बन्नो की सगाई।। अजी ले आयो ढोल, नाचे गाए धूम मचाएँ।। कर ले बन्नो थोड़ा शृंगार, माथे पर बिंदिया,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 174 Share Dr. Vaishali Verma 11 Feb 2024 · 1 min read ॰॰॰॰॰॰यू॰पी की सैर॰॰॰॰॰॰ *चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂 *आगरा* में प्रेम का प्रतीक *ताजमहल*, देख आयें॥ *चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂 *फ़िरोज़ाबाद* से काँच की *चूड़ियाँ* *बरेली*... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 165 Share Dr. Vaishali Verma 10 Feb 2024 · 1 min read ॰॰॰॰॰॰*बाबुल का अँगना*॰॰॰॰॰॰ *बाबुल का अँगना छोड़*,विवहा की डोर से बंध जाऊँ॥ 🌹🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🌹 बाबुल का अँगना छोड़, *एक नया आशिया बनाऊँ*।। 🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹 बाबुल का अँगना छोड़, *खुद की नयी दुनिया सजाऊँ*।। 🌹🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🌹 बाबुल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share Dr. Vaishali Verma 9 Feb 2024 · 1 min read *सबकी अपनी दुनिया* 🍁माँ हैं। पिता हैं। 🍀ये हैं परिवार की दुनिया। 🍁 वर है। वधू हैं। 🍀ये हैं विवाह की दुनिया। छूत हैं। अछूत हैं। 🍀ये हैं जाति की दुनिया। 🍁भूत हैं।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 66 Share Dr. Vaishali Verma 9 Feb 2024 · 1 min read 🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂 *याद आती है अपने गुरुकुल की*,*उठते सवेरे-सवेरे* *याद आती है अपने गुरुकुल की*,*उठते सवेरे-सवेरे*।। 🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂 *हुए ८ वर्ष*,*लिया प्रवेश अपने गुरुकुल में* 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 *शुरू हो गयी ज्ञान की शिक्षा अपने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 110 Share Dr. Vaishali Verma 9 Feb 2024 · 1 min read *******मिल जाएगी मंज़िल राही******* मिल जाएगी मंज़िल राही, चलता चला जा अपने पद कदमों से हँसते-२ ।। कंकड़, पत्थर, आँधी, तूफ़ान से न घबराना, मिल जाएगी मंज़िल राही, चलता चला जा अपने पद कदमों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 67 Share Dr. Vaishali Verma 9 Feb 2024 · 1 min read ******छोटी चिड़ियाँ******* छोटी सी नन्हीं सी चिड़ियाँ चीं चीं करती जाती डाल डाल पे बैठी आसमान छू आती रंग बिरंगी पंखो की चिड़ियाँ।। पेड़ की ऊँची-२ टहनी पर घोसला बनाती जाती रंग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 234 Share Dr. Vaishali Verma 9 Feb 2024 · 1 min read *मन की आवाज़* तुम मन की आवाज़ सुनो तुम मन...................।। जीवित हों, ना मृतक बनो, बीतें लम्हे, ना याद करो, वर्तमान की बात करो। उद्देश्य ना, राह बदलों कुछ समझ ना आए तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 63 Share Dr. Vaishali Verma 8 Feb 2024 · 1 min read *होली* बसंत ऋतु में होली आयी आई रे आई होली आई। क्या लायी? रंग भरे गुलाल की थाली लायी।। आई रे आई होली आई। क्या लायी? फूलों से भरी वर्षा लायी।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 68 Share Dr. Vaishali Verma 8 Feb 2024 · 1 min read ⭕️⭕️चूड़ियाँ गोल गोल प्यारी प्यारी हर नारी को भाती रंग बिरंगी चूड़ियाँ। संगीत की धुन में शोर मचाती , सोने-चाँदी की बनी, कलाई को भाती रंग बिरंगी चूड़ियाँ। नवरात्रि के अवसर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 1 121 Share Dr. Vaishali Verma 8 Feb 2024 · 1 min read *नारी के सोलह श्रृंगार* नारी के सोलह श्रृंगार हे नारी ! तुम लगती सबसे प्यारी जब करती सोलह श्रृंगार लगती हो किसी राजा की राजकुमारी।। हे नारी ! तुम लगती सबसे प्यारी जब करती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 163 Share Dr. Vaishali Verma 7 Feb 2024 · 1 min read *सर्दी की ठंड* सर्दी आते ही निकल जाते ऊनी वस्त्र पैरों की ठंड जुराबें में बंद हाथों की ठंड दस्तानो में बंद सिर की ठंड टोपे में बंद बदन की ठंड स्वटेर में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 68 Share Dr. Vaishali Verma 7 Feb 2024 · 1 min read नव बहूँ छोड़ बाबुल का अँगना नव घर में प्रवेश पाती हर नयें रिश्ते प्रेम भाव से अपनाती चूड़ी- पायल की खन-२ से घर आँगन चहकाती लाज़ शर्म छोड़ अपना हर कर्तव्य... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 61 Share Dr. Vaishali Verma 7 Feb 2024 · 1 min read वैदिक विवाह वैदिक अनुषठानो के साथ समान वर्ण में कर, कहलाया ब्राह्म विवाह।। प्रेम -प्रसंग कर ,कहलाया गन्धर्व विवाह ।। राजपुरोहित को कन्यारूपी रतन दान कर, कहलाया देव विवाह।। गौं का जोड़ा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 70 Share Dr. Vaishali Verma 7 Feb 2024 · 1 min read *जो न सोचा वो हूँ* जो न सोचा होगा तुमने उसे जो करके दिखाया ,वो साहसी हूँ मैं। गुरु दक्षिणा में जिसने दिया अँगूठा दान , वो एकलव्य हूँ मैं। बलिदान देकर करें जो सरहद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 98 Share Dr. Vaishali Verma 6 Feb 2024 · 1 min read *न हों बस जैसा हों* न हार हों, न जीत हों बस प्रेम का संचार हों।। न दिन हों, न रात हों बस सूरज-चाँद का प्रकाश हों।। न लालच हों, न लूट हों बस ईमानदारी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 53 Share Dr. Vaishali Verma 5 Feb 2024 · 1 min read *हमारे कन्हैया* तुम तो कहते हों कन्हैया,मैया मुझे सबसे प्यारी हैं! आओ हमारे गोकुल गाँव में, हम माँ यशोदा से तुमको मिला देंगे।। तुम तो कहते हों कन्हैया,बाबा मुझे सबसे प्यारे हैं!... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 192 Share