Satish Srijan Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Srijan 20 Mar 2024 · 1 min read दस्तक बसा ली है दुनिया कहीं दूर जाकर, नहीं पास कोई भी बच्चे हमारे। कहाँ अब रही गीत गज़लों की रातें, बुढ़ापे की दस्तक हुई तन के द्वारे। दवाई बिना नागा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 122 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read बाइस्कोप मदारी। बाइस्कोप मदारी। आज की पीढ़ी को क्या मालूम क्या होती है राब। बहुत सी चीजें लुप्त हो गयी बन गयी एक दम ख्वाब। सनई पटुआ जोंधरी बर्रे, मोटरी हो गयी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 177 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 2 min read मैं होता डी एम" मैं होता डी एम" चारों तरफ बड़ाई होती, खुशी न होती कम। आरक्षण गर मुझको मिलता मैं होता डी एम। रुपयों से मेरा घर भर जाता मोटा वेतन आता। कैसे... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य-व्यंग्य 199 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read पुलवामा वीरों को नमन पुलवामा वीरों को नमन -------------------------------- ललकार के लड़ना सीखा है, कभी पीठ पर वार नहीं करते। हम भारत माँ के सेनानी, रण में मरने से नहीं डरते। जब हम हथियार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 191 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 2 min read कुत्ते का श्राद्ध फतेह बहादुर नाम है मेरा एस पी का हूँ बाबू । सारा आफिस मेरे अंडर, साहब भी मेरे काबू। जो मैं कहता वैसे करते, रॉन्ग हो या राइट। आय व्यय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 160 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 2 min read रामदीन की शादी आज सबेरे रामदीन को शिवमंदिर में देखा। पूजा करते बोल रहा था, देखो ब्याह की रेखा। मैंने पूछा कहो भगतजी क्या है कष्ट तुम्हारा। भोलेबाबा बड़े दयालू, करें तुरंत निपटारा।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · हास्य 158 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read तिमिर है घनेरा तिमिर है घनेरा दिशाओं दशों में तिमिर है घनेरा, उजालों के साधन जुटाना पड़ेगा। पुराने चिरागों की लौ नहीं काफी, नये दीप ढेरों जलाना पड़ेगा। है माला पुरानी हुआ जीर्ण... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 171 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read रहो कृष्ण की ओट रहो कृष्ण की ओट जीवन मे जो भी मिला, निज कर्मों का खेल। जो किया सो पाया नर ने, भले बुरे का मेल। जीवन में जो भी मिले सीखो उसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 221 Share Satish Srijan 30 Jan 2024 · 1 min read हे देश मेरे हे देश मेरे महबूब है तू, तुझसे मैं इश्क़ लगाया है। तेरी खातिर कई बार लड़ा, सरहद पर लहू बहाया है। नदियों पर्वत से है प्यार मुझे, वन लगते जिगरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 164 Share Satish Srijan 29 Jan 2024 · 1 min read मोबाइल भक्ति काम क्रोध मद लोभ ज्यों नाथ नरक के पंथ। रामायण में लिख गए, तुलसी जैसे सन्त। तुलसी जैसे सन्त, आज त्यों और एक व्याधी। मोबाइल संग लग रही, जन की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 229 Share Satish Srijan 29 Jan 2024 · 1 min read मैं चाँद पर गया पल सुहेला, रजनी बेला। न कोई मेला, मैं अकेला। अंतरिक्षयान भरा उड़ान। दौड़ता विमान, चीरे आसमान। तीव्र बेग से बढ़ता जाए, चांद की ओर चढ़ता जाये। यान गतिमान,मैं परेशान, सुना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 133 Share Satish Srijan 29 Jan 2024 · 1 min read गिलहरी तीन लकीरें पीठ पर इसके, चुस्त दुरुस्त छरहरी। दिखने में प्यारी भोली सी, नन्ही प्रिय गिलहरी। अन्न फूल सब्जी फल खाती, आम अनार व केले। लम्बी पूंछ बदन पर रोंये,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 161 Share Satish Srijan 29 Jan 2024 · 1 min read सब सूना सा हो जाता है जब दूर कहीं चले जाते हो, सब सूना सा हो जाता है। आंखे मलूल हो जाती हैं, दिल चैन कहीं न पाता है। सब सूना सा हो जाता है। दिल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 100 Share Satish Srijan 28 Jan 2024 · 1 min read कितने पन्ने कितने पन्ने फाड़े मैंने, तुझ पर गीत बनाने को। समुचित उपमा ढूंढ न पाया, रूप तेरा दर्शाने को। दशन दाड़िम से प्यारे तेरे, अधर मुधर सी लाली है। बोली लिख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 216 Share Satish Srijan 28 Jan 2024 · 1 min read मेरी कविताएं पढ़ लेना फिक्र सताए हो अशांत मन, अपने थोड़े पल कढ़ लेना। जब सुकून की ख़्वाहिश हो तब, मेरी कविताएं पढ़ लेना। गीत में मेरे राग मिलेगा, थोड़ा सा अनुराग मिलेगा। कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 174 Share Satish Srijan 28 Jan 2024 · 2 min read सजनी पढ़ लो गीत मिलन के अक्सर आकर दस्तक देती यादें अपने बचपन की, सजनी पढ़ लो गीत मिलन के कसमें तुमको यौवन की । मेरे संग तुम होते थे तो दिन खुशियों में गाता था,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 141 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read पुश्तैनी दौलत कमाते कैसे हैं करके कोशिश, उन्हें पता करते जो मसक्कत। मिली पुश्तैनी हो दौलत उनका, गुरूर सर चढ़ के बोलता है। उन्हें खबर क्या है भाव कितना, नमक तेल आटा... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 205 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read सौदागर हूँ सौदागर हूँ तुलसी सुर कबीर विधा को, करता नित्य उजागर हूँ। स्वर व्यंजन का व्यापारी हूँ, मैं शब्दों का सौदागर हूँ। स्वर सुरा सुराही पैमाना, व्यंजन मेरी मधुशाला है। साकी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 178 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read चल अंदर चल अंदर सूरज बाहर,तारे बाहर, पवन अगन जल चंदा बाहर। महल अटारी, नौकर चाकर, धन और दौलत का धंधा बाहर। बप्पा बाहर अम्मा बाहर, नाना नानी मम्मा बाहर। बेटी बेटा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 132 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read सृजन तेरी कवितायें जो तू लिखता, किसके मन को भाती हैं। सृजन तेरी कविताएं क्या क्या गाती हैं। हंसी ठिठोली करती हैं क्या? पायल छम छम करती है क्या? सुत संग जननी की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 214 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read गुमनाम रहने दो मुझे। हूँ मिजाजी सूफियाना, एक्दम सच कहता तुझे। नामवर बनना नहीं, गुमनाम रहने दो मुझे। दिल में ख़्वाहिश न रही अब, मेरे भी चर्चे बने। इश्तहारी के लिए बेनाम के पर्चे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 183 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read विजय या मन की हार विजय या मन की हार एक विजेता होता सदैव, समाधान का अंग। निर्बल मन हारे मानव में दुविधा चलती संग। सफल मनुज रखता है युक्ति, उलझन में भी सुलझन की।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 108 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read यायावर यायावर अभिलाषा रहती है मन में, दुनिया भर में मैं जाऊं। यायावरी स्वभाव हमारा, एक जगह न रह पाऊं। कभी समंदर के साहिल पर, कभी विपिन में मैं होता हूँ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 114 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read दशमेश के ग्यारह वचन दशमेश के ग्यारह वचन ग्यारह अनमोल वचन अमृत, आओ सँगतजी चित लायें। दशमेश पिता गोविंद गुरू, किरपा करके जो बतलायें। जीविका कमाएँ मेहनत की, उसमें दशांश का दान करें कंठस्थ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 135 Share Satish Srijan 23 Jan 2024 · 1 min read चल विजय पथ चल विजय पथ ------------------ कुशलतम प्रज्ञान है गर, सार्थक अभियान है गर, फिर कहीं रुकना नहीं तू, विघ्न में झुकना नहीं तू। अनवरत चलता रहे रथ, सफल होंगे बस यही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 179 Share