Shyam Sundar Subramanian Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shyam Sundar Subramanian 2 Feb 2024 · 1 min read कवि की लेखनी कवि की लेखनी उसके ह्रदय का स्वर होती है, यह कभी परिस्थितिजन्य वेदना के शब्द कहती है , तो कभी प्रफुल्लित गीत पिरोती है , कभी यह प्रेमी की भावना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 4 54 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Jan 2024 · 1 min read व्यक्तिगत अभिव्यक्ति बहुत कुछ सोच समझकर कहना चाहूं तो ज़ुबान पर ताले पड़ जाते हैं , अव्यक्त भावनाओं के स्वर अंतःकरण में डोलते रहते व्यक्त नहीं हो पाते हैं , लगता है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 77 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Jan 2024 · 1 min read आव्हान आओ नवअभिलाषाओं और आशाओं के दीप जलाएं , समग्र व्याप्त क्लेष, संताप नष्ट कर निराशा दूर भगाएं , त्याग स्वार्थ , द्वेष नष्ट कर , परस्पर सद्भाव बढ़ाएं , सर्वधर्म... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 68 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Jan 2024 · 1 min read स्वाभिमान उस रात किसी ने मुझे झिंझोड़कर जगा दिया , उठकर देखा तो सामने एक साया था , मैंने पूछा कौन हो तुम ? उसने कहा मैं तुम्हारा स्वाभिमान हूँ ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 2 68 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read मतिभ्रष्ट हे ईश्वर ! आज के मानव को ये क्या हो गया है ? वह तुम्हारे अस्तित्व को बांटकर देखने के लिए उद्यत हो गया है , उसे कौन बताऐ राम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read जागृति दुनिया देखने वाले क्या तुमने कभी खुद के अंदर झांक कर देखा है ? अपने अंदर धधकती दावानल सी क्रोध , द्वेष , क्लेश की अग्नि को कभी पहचाना है... Poetry Writing Challenge-2 123 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read अस्तित्व पत्थर पर गिरते ही शीशा चूर-चूर होता है , और शीशे पर पत्थर पड़ते ही शीशा चूर-चूर बिखरता है , हर बार शीशे को तोड़कर पत्थर अपनी ह़स्ती जताता है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 76 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read ईश्वर एक बार मुझसे यह प्रश्न किया गया कि क्या तुमने ईश्वर को देखा है ? मैंने कहा हाँ ! मैंने उन्हें मासूम बच्चों की मुस्कुराहटों में देखा है , तपती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 2 112 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read भाव गणित खुशी बाँटने से बढ़ती है , दुःख बाँटने से कम होता है , ज्ञान बाँटने से बढ़ता है , दान देने से धन बढ़ता है , अहंकार से निरंकुशता बढ़ती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 81 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read किंकर्तव्यविमूढ़ एक दिन मैंने ज़िंदगी से पूछा तुम इतनी निष्ठुर क्यों हो ? ज़िंदगी बोली यह मेरा कसूर नहीं है , मैं तो हालातों के हाथों मजबूर हूँ , मैंने हालातो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 1 69 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read माँ माँँ वह छांव है जिसके तले हम पले बड़े है, वह सुखद अनुभूति है जिसे हम बचपन से अब तक संजोये रहे है, वह एक प्रेरणा स्त्रोत है जो हमारे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 79 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read पत्थर की अभिलाषा राह पर पड़े पत्थर ने सोचा इक दिन यह भी क्या जीवन है ? नित प्रतिदिन ठोकरें खाता फिरता हूं, दिशाहीन मैं इधर-उधर लुढ़कता टूटता बिखरता रहता हूं, हेय दृष्टि... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 71 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read अश्रु की भाषा अश्रु की अपनी भाषा होती है। कभी कष्ट के , तो कभी प्रसन्नता के , कभी आघात के , तो कभी पश्चाताप के , कभी मिलन के , तो कभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 70 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read पुष्प की व्यथा पुष्प हूँ काँटो में रहना पड़ता है, टूट कर मिट्टी में मिल जाना पड़ता है, मेरी सुगंध और सौंदर्य कुछ पल के हैं, मुरझाने पर मेरा स्थान धरती तल के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 72 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read काव्य भावना किसलय की मुस्कान बनी , मृगनयनी का श्रृंगार बनी , चंद्रप्रभा चंचल किरणों का वर्णन बनी, नभ आच्छादित नक्षत्र मंडल सौंदर्य भान बनी , रवि आगम प्रकाश पुंजों का आव्हान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 79 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read कर्णधार उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक मैंने देखी थी , जिंदगी में कुछ कर गुजरने की उमंग उसमें मैंने देखी थी , परिस्थिति का मारा वो बेचारा, सम्बलविहीन ,कटु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 87 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read प्रतिशोध क्रोध , वैमनस्य, प्रतिस्पर्धा की उत्पत्ति , विवेक भंजन नकारात्मक संहारक शक्ति , अंतस अनल उत्सर्जित दहन भावना , घृणा प्रेरित विनाशक प्रतिकार कामना , ह्रदय कंटक बनी कष्ट कारक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 94 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम एक लगन है , इसमें रहते प्रेमी मगन हैं , यह हृदय से हृदय का स्पंदन है , यह बुझाए ना बुझे वह अगन है , यह एक सतत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 89 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read सत्याधार का अवसान सत्य क्यों इतना प्रतीत निष्ठुर है ? असत्य क्यों इतना प्रतीत मधुर है ? क्यों सत्य सबसे अलग इतना एकाकी पड़ गया है ? क्यों असत्य का साथ देने वालों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 99 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read नारी अस्मिता मन उपवन की नन्ही कली, जो घर आंगन में पली-बढ़ी, फूल से चेहरे पर खिली उसकी मुस्कान, माता पिता, बंधु बांधव, मित्रों की जान, सदा निस्वार्थ सेवा, सहायता को तत्पर,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 75 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read जीवनमंथन मैं कौन हूं ? कहां से आया था? कहां जाना है? इन सबसे अनिभिज्ञ कुछ पाकर खुश होता, कुछ खोकर दुःखी होता, अपने अहं में डूबा हुआ भ्रम टूटने पर... Poetry Writing Challenge-2 107 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read पत्थर पत्थर के उपयोग भी बड़े अजीब होते हैं , कभी बच्चों के झगड़ों में सिरफुटौवल बनते हैं , कभी पुलिस के दमन से आक्रोशित जन समूह प्रतिकार का अस्त्र बनते... Poetry Writing Challenge-2 95 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2024 · 1 min read नारी वेदना के स्वर कल मुंहअंधेरे सवेरे मुझे पड़ोस से नारी क्रंदन स्वर सुनाई दिया , यह किसी घरेलू हिंसा प्रताड़ित गृहणी की वेदना का स्वर था , या किसी पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 99 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2024 · 1 min read वर्तमान लोकतंत्र देश का वर्तमान लोकतंत्र , राजनीति की बिछाई शतरंज , लोकहित लुभावने वादों का प्रपंच , जाति , धर्म ,संप्रदाय ,आधारित षड्यंत्र , आम आदमी जिसका बना मोहरा , नेताओं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 93 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2024 · 1 min read समझ कुछ लोग कही बात समझ नहीं पाते हैं , कुछ समझ कर भी अनजान से बने रहते हैं , कुछ अपने आप को दूसरों से समझदार समझते हैं, कुछ अपनी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 73 Share