SATPAL CHAUHAN Poetry Writing Challenge-2 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SATPAL CHAUHAN 8 Feb 2024 · 1 min read बिगड़ता यहां परिवार देखिए........ बिगड़ता यहां परिवार देखिए, बिगड़ता यहां संस्कार देखिए। बिगड़ता यहां बचपन देखिए, बिगड़ता यहां बड़प्पन देखिए।। बिगड़ता यहां आचार देखिए, बिगड़ता यहां व्यवहार देखिये। बिगड़ता यहां मिलाप देखिए, बिगड़ता यहां... Poetry Writing Challenge-2 3 170 Share SATPAL CHAUHAN 8 Feb 2024 · 1 min read आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को। आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को। स्मृतियां अनगनित है, जिन्दगी के मीत को।। था कभी मुरझाया फूल, आज तरो तर हो गया हूं , लेकिन कांटों में... Poetry Writing Challenge-2 3 1 239 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read मां से ही तो सीखा है। माला में ये मोती पिरोना, मोती बिखेर कर फिर रोना। मां के आंचल में दुबक कर सोना, मां से ही तो सीखा है।। सुई धागे से फुलकारी बनाना, बचपन का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 365 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।। आओ कभी स्वप्न में मेरे, मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।। मां तुम्हें पैगाम लिखूं , खत आप के नाम लिखूं । बदहाल मन का हाल लिखूं , आओ कभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 1 223 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read खुशी -उदासी एक उपवन के थे हम निवासी, फूल व तितली दो ही साथी। समय भी बदला मौसम भी बदला, कभी खुशी थी कभी उदासी।। फूल व तितली प्यार जताते, इस संसार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 148 Share SATPAL CHAUHAN 6 Feb 2024 · 1 min read फिर कब आएगी ........... मेरी यादों की कच्ची कली, भरपूर यौवन पर कब आऐगी । आकर अपनी चमक- महक से, इस भंवरे का मन कब बहलाएगी।। फिर कब आएंगी. आ कर कर थाम ले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 1 186 Share SATPAL CHAUHAN 5 Feb 2024 · 1 min read अनचाहे फूल चल रहा था उधेड़बुन में अकस्मात , यू ही नजर पड़ गई विस्मित फूलो पर। सड़क के दोनों तरफ कैसी विडम्बना , चमन में एक फूल रास्ते के इस ओर।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 112 Share SATPAL CHAUHAN 5 Feb 2024 · 1 min read बेटियां अमृत की बूंद.......... बेटियां अमृत की बूंद...... पैदाइश हुई बेटी की ,मन में उठी हल्की सी तरंग, खुशी से झनझनाहट हुई, जैसे फूलों पर डोले भृंग। हृदय में एक लहर उठी ,मानो नभ... Poetry Writing Challenge-2 3 1 268 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read अमूक दोस्त । अमूक दोस्त नादान ना बन, ओ पीड़ा हर्ता, पीड़ा को ना जन । एक दूसरे के दिल में झांका था हमने, थोडा सा आश्वासन दिया था तुमने। शायद आसमान लगा... Poetry Writing Challenge-2 3 193 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read मन 4. मन मन मानो मण-मण है वास्तविकता जन-जन है। खोता-पाता रचत -बिगाड़त, सब खेल विधाता का तन-तन में है। सोचत-सोचत तन बन तिनका, मित मिला ना मोहे मनका। निज नयना... Poetry Writing Challenge-2 3 195 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read ओ! मेरी प्रेयसी ओ! मेरी प्रेयसी नादान जलवे दिखा रही है। बहार आने से पहले बहार जा रही है।। दब्बु पन में संकट यूं ही बना डाला , समझ कर भी न समझ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 1 209 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read अर्थी चली कंगाल की अर्थी चली कंगाल की हाय ! रे बेहाल की चार जन उठाए हुए थे, मंदी मंदी चाल थी। नैनो से आंसू टपक रहे थे, आंखें हो गई लाल थी ।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 147 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read बड़ा भाई बोल रहा हूं। हलो हलो हां भाई छोटे तेरा बड़ा भाई बोल रहा हूं। बहुत अर्से बाद में दिल की गहराई से बोल रहा हूं।। याद आए आज मुझे भी तेरे बचपन वाले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 164 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read श्रम दिवस श्रम दिवस पर श्रम करने वालों को करता नमस्कार , जो श्रम पर शर्म करते हैं उनका करता मै तिरस्कार। श्रम करने वालों की कभी भी नहीं होती जग मे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 202 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read अध्यापक दिवस अध्यापक दिवस पर सभी गुरुजनों को प्रणाम। हाथ जोड़कर करें विनती जो देते हैं विद्यादान।। गुरु के कारण ही हो जाता है हृदय में प्रकाश, सत्य शील और मानवता की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 147 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read भूमि दिवस भूमि दिवस पर भूमि मां का , मिलकर सब गुणगान करें । हाथ जोड़कर दोनों हम सब , धरती माता को प्रणाम करें।। धरती माता ही हम सब का, पालन... Poetry Writing Challenge-2 3 159 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम 1 प्रभात कालीन ब्रह्म सरोवर, अजब छटा निराली थी, ठण्डक मन्दक शीतल पवन, चारो और हरियाली थी। संत सज्जन करे मनन,करे स्नान हो आत्म संतुष्टि, देख दृश्य करे कवि कविताई... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 2 157 Share SATPAL CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read फूल फूल और फूल अरे ओ! फूल ,फूल को कहना ,फूल ने फूल कर , मुझ फूल को तुझ फूल को भेंट किया हूँ चूम कर। तारा-गण, शशी, भान, प्रभा, डाल- पात झुक कर... Poetry Writing Challenge-2 3 194 Share SATPAL CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read अनजान राहें अनजान पथिक अनजान राहें अनजान पथिक मिलन कैसा । विहड़ विरान विक्राल व्याघ्र वाल तिमिर जैसा। क्षण भर का मिलन ,उम्र भर का जलन, रहेगे फफोले , दिल का तार तार... Poetry Writing Challenge-2 3 198 Share SATPAL CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read ममतामयी मां ममतामयी मां ने ममता के कारण , दिया जन्म ममता को मरणावस्था में। ममता जीवित रही किया ममता रूप धारण। शनै-2 काल चक्कर चला, चेता मां ने ममता को, संकट... Poetry Writing Challenge-2 3 176 Share SATPAL CHAUHAN 2 Feb 2024 · 2 min read विरह वेदना फूल तितली ठाठ-बाट न बाट जोह तितली की फूल, नतमस्तक, नमनिव्स्था गिरा धूल । कोई न खेला, फूल अकेला, भारी वेला, हुई भूल, मजार उपवन, विल्पित सुमन, किस्तमत आघाती रूष्ट कूल।। इजहार... Poetry Writing Challenge-2 3 605 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read बस हौसला करके चलना दूर-दराज क्षितिज में , मानो छिपते हुए सूर्य के। आगोश में लुप्त हो जाना , कतार मय उडते पंछियों का ।। दाना - दुनका चुगकर रैन बसेरे को , अपने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 139 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read स्त्री एक कविता है रूप अनेक अनजान राहों मे जो बार-बार है बदलता । चंचल मन मोर- सा चंचल विचार , बहती हुई सी सरिता।। जीवन है वह नाम इसी का, विचारों का ताना-बाना।... Poetry Writing Challenge-2 1 194 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read गर जानना चाहते हो गर जानना चाहते हो, जाओ उस गरीब की रसोई में। जाकर देखो आखरी बार, चूल्हा कब जला था।। ध्यान से देखना उन जालो को , जो धूसर से हो गए... Poetry Writing Challenge-2 1 188 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read जिंदगी को बोझ नहीं मानता जिंदगी को बोझ नहीं मानता, बोझ तन पर मन पर l जिम्मेदारी का क्यों ना हो? अकेले ही चला जाना है l जिंदगी की कटीली पथरीली , कंकरीली राहों में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 189 Share SATPAL CHAUHAN 29 Jan 2024 · 1 min read उपेक्षित फूल कवि राज कुछ करो कविता , निकालो मन मद सरिता । शायद प्रकृति गई कुछ भूल, कितने कांटे सिर्फ एक फूल।। फूल उपेक्षित है यह फूला, झूम रहा अकस्मात ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 249 Share