ओसमणी साहू 'ओश' Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओसमणी साहू 'ओश' 21 Feb 2024 · 1 min read "सोच खा जाती हैं" निश्चिंतता का कवच चीर, ये समझ, कहां से आ जाती है, मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं ; मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं। हो किसी से जब... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 3 154 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "मिजाज़-ए-ओश" टूटी, बिखरी, सिमटी, जुड़ी और उठ खड़ी हुई। अपनी बुलंद इरादों से हर हार मुहाल करती हूं। वक्त, नज़ाकत और नज़रिए, चाहें हो जैसे बदले, पर आज भी मैं सख़्त... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 5 1 106 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "याद" क्या बात है? एक अरसे बाद याद किए हो। ठुकराए थे बोलने की गुजारिश, आज खुद ही फ़रियाद किए हो। मतलब तो न रहा हमसे, हम पे क्यों वक्त बर्बाद... Poetry Writing Challenge-2 3 2 89 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "रफ़्तार पकड़ती ज़िंदगी" ठहरी - ठहरी सी ज़िंदगी, रफ़्तार पकड़ रही है। दुश्मन ठहराती कभी किसी को, कभी कोई यार पकड़ रही है। इसके बदलते रूप देख लगता है, कोई अईय्यार पकड़ रही... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · अल्फाज़ ए ओश 1 84 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "दोगलों की बस्ती" यूं ही न करना ऐतबार साहब ! ये दोगलों की बस्ती हैं। एक है सामने तो एक पीछे भी, यहां दूसरी सबकी हस्ती हैं। दिखाते हैं ख़्वाब हमें जो साहिल... Poetry Writing Challenge-2 1 60 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "सीधी बातें" कहना हो जो कुछ भी, सीधे कहो साफ़ साफ़, अब तुम हमसे दुनियादारी, इसकी उसकी न कहो। साथ,समझौता, साझेदारी, जो कहो, इस मतलबपरस्ती को दोस्ती न कहो। चमक जहां से... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "समझा करो" खड़े इकलौते नहीं तुम कतार में, हज़ारों का पीछे झूलना समझा करो। सीख रहें है भूलना, समझा करो। शॉर्ट स्कर्ट और हील हमने तो संभाल ली, उफ़ तुम जैसों का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कहानी 1 123 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "मंज़र बर्बादी का" न नई बात है, न बड़ी बात है, मैं नहीं कोई और सही क्यों यही बात है? असर तो है हद से परे, कहते हो, बेअसर दिख रहा है साफ़... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 124 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "कैद" वो ख़ामोश लब, वो झुकी पलकें, जाने कितने जुर्म सहती है। ख़ूबसूरती उसका पिंजरा है, वो हर वक्त कैद में रहती है। शीश बदन पे उकरे ज़ख्मों पर, तन्हा मलहम... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 140 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "उसकी यादें" वो अधूरी इबादतें, वो टूटी तस्बीह याद आती हैं। जब भी ख़ुद की याद आती हैं, मुझे उसकी याद आती हैं। याद आता हैं मेरा रोता चेहरा, हँसी उसकी याद... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 95 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read मुसाफिरखाना इन विरानों में रौनक, कुछ पल ही ठहर पाते हैं। आते हैं कुछ बेबस से, पुरजोश हो लौट जाते हैं। बसर नहीं करते ये मुसाफिर, पहले ही आजमाते हैं। चंद... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 107 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "हाल ए ओश" हमसे ज्यादा हमें जानने पर, जिस जिस पे हमें गुरूर हुआ। एक पल में वो हमसे अजनबी, दूजे पल ही हमसे दूर हुआ। अश्कों से भी ऐसी अनबन, ख़ुद पे... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 90 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "मेरी नाकामी ने नहीं तोड़ा मुझे" मेरी नाकामी ने नहीं तोड़ा मुझे, तेरा बार बार अहसास दिलाना तोड़ जाता है। सब कुछ भूल देखती हूं नए सपने, सपनों में भी तेरा आना झकझोर जाता हैं। हर... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 2 106 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "मिल ही जाएगा" छेद न रहा कश्ती में तो किनारा मिल ही जाएगा। भेद न रहा अपनो में तो सहारा मिल ही जाएगा। तो क्या हुआ जो पहली दफा धोखा हुआ, ये दुनिया... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 2 106 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "चाहत" मैं तुम्हें नहीं, तुम्हारी खुशी चाहती हूं। वक्त की बर्बादी नहीं, बेहतर जिंदगी चाहती हूं। न तुम बुरे न तुम्हारी सोच बुरी, बुरे हाल में भी तुम्हारी बेहतरी चाहती हूं।... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 105 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read "बस तेरे खातिर" लोग कहते रहे मुझे पत्थर दिल, पिघला के पत्थर शीशा बनाएं बस तेरे खातिर। तेरी हँसी पे कुर्बां हुआ ये दिल, खुद की हर खुशी,हर गम भुलाएं बस तेरे खातिर।... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 2 123 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read "ज़ायज़ नहीं लगता" 'सब' की चाह में 'कुछ' खो देना ज़ायज़ नहीं लगता। बेतुकी जिद में सब कुछ खो देना,ज़ायज़ नहीं लगता। शामिल नहीं है चंद गुल आज के बहार में, इंतजार में... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 82 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read "बहुत देखे हैं" भीतर से कसाई बाहर से हलवाई बहुत देखे हैं। सामने वाहवाही पीछे करते बुराई बहुत देखे हैं। शीशा तो दिखाता है सच मगर सदा उल्टा, साफ शीशों की ये करिश्माई... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 1 124 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read "दाग़" गलत चल रहा था सही से, अचानक एक हादसा हुआ। हुई मैं बेहतर रू-ब-रू, हकीकत से मेरा राब्ता हुआ। वो बदसूरती के बहाने से ख़त्म कर गया ताल्लुक़ मुझसे... दाग़... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 2 149 Share ओसमणी साहू 'ओश' 14 Feb 2024 · 1 min read "दास्तां ज़िंदगी की" एक घाव है जो भरता नहीं, एक उम्मीद है जो मरती नहीं। एक ज़ुबां है जो कहता नहीं, एक ज़हन है जो सुनती नहीं। एक दोस्त है जो बनता नहीं,... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 2 90 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "जिद्द- ओ- ज़हद" मैं वो पाने की ज़िद्दोज़हद में थी, जो मेरे हद से परे था। हक जताती थी जिस पर अपना, दरअसल वो मेरे हक से परे था। न जाने किसके बस... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · कविता · हिंदी कविताएं 2 101 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "राज़ खुशी के" जो है अभी पास उनके साथ में खुश रहो। जो चले गए हैं दूर उनके याद में खुश रहो। दिल दुखाने का ज़िम्मा तो जमाने ने ले रखा है, जैसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 141 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "स्वागत हैं" आंकड़ों के ज़माने में, किताबों के आशियाने में; स्वागत हैं। कुछ मानने - मनाने में, एक दूजे को समझाने में ; स्वागत हैं। ज्ञान संग व्यवहार से , विवेक संग... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "गोहार: आखिरी उम्मीद की" अड़ोसी-पड़ोसी, रिश्तेदार और कुछ अनजाने भी, रहन-सहन, पहनावे पे, देते सलाह और ताने भी। बिना पगार लिए लोग अपनी ये नौकरी ख़ूब बजाते हैं। मजबूत के पीछे चुगली करते, कमज़ोर... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 1 109 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "मेरा साथी" सारी दुनियां भूल जाऊं, ऐसी दुनियां सजा सके। आए कोई ऐसा, जो मेरे सिर आंखों छा सके। मेरे ख्यालों से मिलते नहीं, फरिश्ते, राजकुमार कोई। मैं चाहूं एक आम सा... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 1 140 Share