Dr. Ramesh Kumar Nirmesh Poetry Writing Challenge-2 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 22 Feb 2024 · 1 min read आजाद लब निरा यह व्यर्थ कहना कि हुए आजाद लब मेरे, किया कोशिश हजारों पर खुले अल्फाज नहि मेरे। अभी कल रस्म हल्दी थी चढ़ाना जब था वो सेहरा, मुसलसल सांस टूटी... Poetry Writing Challenge-2 1 97 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read धरा स्वर्ण होइ जाय नीली छतरी वाला नीली छतरीवाला करता है सभी की रक्षा हाँ बीच बीच में बेशक ही लेता वह सबकी परीक्षा होना नहीं निराश तुम ना समझे मकरंद परखा हीरा जाय... Poetry Writing Challenge-2 131 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read जीवन के लक्ष्य, जीवन एक ज्योति, या जीवन एक झंझावात, जीवन है तिमिरमय या जीवन है पद्मावत। जीवन की उपमा कितनी जीवन से कितनी आशा कैसे जीवन के मोह को कहूँ जीवन की... Poetry Writing Challenge-2 113 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read निर्मेष के दोहे चाहे वह धनवान हो, या कि रहा बलवान। डसा कोरेना ने सबको, निर्भय हो भगवान।। बंद तुम्हारे मंदिर भी, बंद हो गया धाम। भक्तों से तुम भी थके, करते हो... Poetry Writing Challenge-2 102 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 2 min read दृष्टिबाधित भले हूँ दृष्टिबाधित भले हूँ पर हीन भावना नही दिव्यदृष्टि धारी हू, दया की दरकार नही राह खुद अपना बनाते हम रहते है सागर को नदी की दरकार कभी है नही। दूसरे... Poetry Writing Challenge-2 118 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read दादी की वह बोरसी कितना सर्द मौसम है पर वो सुहानी शाम है , जलती अंगीठी के पास ही बस केवल आराम है आता है गांव याद हमें दादी की वह बोरसी, जिसमे डालते... Poetry Writing Challenge-2 90 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 2 min read दीवाली धन वैभव संपदा से आकंठ भरपूर यह दीवाली जमती नही मुझे अपने बचपन की दीवाली है याद आ रही बरबस अभी। अब की सोकाल्ड रंगोलियों में वह कसक और अपील... Poetry Writing Challenge-2 147 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read भाईदूज रक्षाबंधन पर आयी नहीं शायद बीमार पड़ी थी वह, भाईदूज में बहना मेरी अब दौड़ी दौड़ी आयी वह। मेरे पसंद की लिए मिठाई कुमकुम लाल चटकता सा, लिए मोगरे की... Poetry Writing Challenge-2 98 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read दो जून की रोटी भार्या ने कहा कि मैं अब बस एक गृहणी हूँ, अपना असल वजूद खो बस जीवन संगिनी हूँ। बस एक काम करने की मशीन बन रह गयी हूँ, कितना भी... Poetry Writing Challenge-2 91 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read भार्या आज सुबह ही भार्या ने मुझे कोसना शुरू किया मेरा जॉब छुड़वा कर जिंदगी को झंड है बनाया। कम से कम चार पैसे सदा मेरे हाथ रहते थे कभी भी... Poetry Writing Challenge-2 123 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read क्या खोया क्या पाया जीवन की सांध्य बेला है आओ आकलन कर ले, क्या खोया, क्या पाया आओ कुछ तो सोच ले। बचपन में माँ बापू का अनवरत अनुशासन , उसके बाद से लगातार... Poetry Writing Challenge-2 119 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read आ अब लौट चले आ अब लौट चले बहुत देर तक गंगा तट पर रहा प्रतीक्षा करता प्रिये हो रहा दिवाकर अस्तांचल सोचा आ अब लौट चले। रक्ताभ नीर नदी की मानो उष्ण सूर्य... Poetry Writing Challenge-2 106 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 2 min read मदनोत्सव बीते कई दिनों से विभिन्न राजनैतिक चर्चाओं में पूरा शहर व देश मसगूल था , बसन्त की आहट का किसी को कदाचित पता ही नहीं चला था I अचानक आज... Poetry Writing Challenge-2 122 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read सांसों के सितार पर श्वास तेरी सुन प्रिये तब तलक चलती रहे मंदाकिनी में जब तलक वारि जल बहती रहे। प्रिये मेरी सांसों पर आज भी अधिकार तेरा टूट कर जाती बिखर मिलता न... Poetry Writing Challenge-2 111 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read मानवता यूक्रेन रूस में जंग छिड़ी है जग में हाहाकार मची, परमाणु युद्ध के मुहाने पर मानवता फिर कराह रही। मिथ्या वर्चस्व हेतु दोनों ने कितने जानो की दावँ लगा दी... Poetry Writing Challenge-2 108 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 21 Feb 2024 · 1 min read अंजुरी भर धूप अंजुरी भर धूप जो काश मिल गयी होती मेरे भी तन की सिलवटे शायद दूर हो गयी होती। शीत की लंबी सर्द राते कटते नही कटती काश भोर में ही... Poetry Writing Challenge-2 50 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 17 Feb 2024 · 1 min read तेरी मधुर यादें तेरी मधुर यादें तेरे संग बीती जो मीठी मीठी यादें है मेरे काव्यसंग्रह के वो नवगीत बन गये काल के कपाल पर गीत नये गाते हुए कंठहार बन मेरे सुर... Poetry Writing Challenge-2 133 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 17 Feb 2024 · 1 min read नम आँखे सुहानी शाम कितनी हो भरा हो प्रेम अंतस में , बिना तेरे लगे फीका नहीं मन लागे उपवन में । कहा बेशक था हमने कि बड़े शिद्दत से चाहा था,... Poetry Writing Challenge-2 162 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read नव्य द्वीप का रहने वाला नव्य द्वीप का रहने वाला ले आया हूँ प्रेम की गागर, चाह मेरी की अब समेट लू तेरे प्यार की पूरी सागर। भर भर के अतिरेक प्रेम था सदा किया... Poetry Writing Challenge-2 1 99 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 2 min read मेरे मरने के बाद तुमको सन्मार्ग की राह पर प्रेरित करते हुए जीवन के तीसरे पायदान पर आ गया अब तो जीवन का कुछ वर्ष ही बचा है पर आज भी अपने आपको खाली... Poetry Writing Challenge-2 1 115 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read नन्ही परी परियों की दुनियां की वह एक नन्ही परी, कभि लगती गुड़िया सी कभि लगती जलपरी। उसके कोमल कपोल रक्तिम हथेलियां, नन्हे से पॉव उसके मोहक उंगलियां। रेशम से बाल उसके... Poetry Writing Challenge-2 1 103 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read अधूरी ख्वाहिशें अधूरी ख्वाहिशों का बाजार ये यहाँ ख्वाहिशों के सौदागर, मिट्टी को धवल कागजों में लपेट कर बेचते हुए बाजीगर। किसकी कब पूरी हुई यहाँ हर वह ख्वाहिशें शिद्दत से, देखा... Poetry Writing Challenge-2 1 116 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read अमृतकलश संसार में पदार्पण के पूर्व ही पय से परिपूर्ण अमृतकलशो का उपहार परमात्मा ने हमें दिया उपरांत इसके भी उसके ऊपर अविश्वास करने का कोई कारण है क्या ? मां... Poetry Writing Challenge-2 141 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read पतंग मुस्कुराती पतंग बलखाती, इठलाती आसमान की ऊंचाई को स्पर्श करती अंजाम से अज्ञान अबोध बनी मुसलसल मचल रही। चाहे अनचाहे हमे जीवन का पावन संदेश दे रही है निष्काम भाव... Poetry Writing Challenge-2 2 147 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read आओ गुफ्तगू करे बनाओ राम का मंदिर मेरा भगवान आया है, करे प्रांगण में गुफ्तगू ये मेरे मन में आया है। सजी गलियां अवध की है सजा उपवन यहाँ सारा , प्रभु घर... Poetry Writing Challenge-2 105 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 16 Feb 2024 · 1 min read एकांत में रहता हूँ बेशक एकांत में रहता हूँ बेशक पर अकेला मैं नहीं हूँ वसूलों पर ही कायम जमीर का सौदा नहीं। हार मत, प्रतिकार कर तब दिन तेरा फिर जायेगा बिन लड़े जो... Poetry Writing Challenge-2 128 Share