ज्योति Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ज्योति 16 Feb 2024 · 2 min read ” मजदूर की जुबानी “ गाते हैं मजदूर की कहानी , अपनी कल्पना और अपनी वाणी आज सच्चे मजदूर की जुबानी , सुनते हैं हम एक उनकी कहानी । रात भले ही अंधेरे में गुजरे... Poetry Writing Challenge-2 1 138 Share ज्योति 15 Feb 2024 · 1 min read ” क्या फर्क पड़ता है ! “ क्या फर्क पड़ता है ! कलम दो रूपए का हो या दो हजार का , उसका काम तो सिर्फ लिखना है । लिखने का निर्णय तो हमारा होता है ,... Poetry Writing Challenge-2 3 94 Share ज्योति 14 Feb 2024 · 1 min read ” आसान नही होता है “ अंजाने से बात ना करने की सलाह देने वाले, अजनबी के साथ ना जाने के संस्कार देने वाले, पिता का एक अनोखा चेहरा होता है । जिंदगी भर के लिए,... Poetry Writing Challenge-2 1 86 Share ज्योति 13 Feb 2024 · 1 min read ” कुम्हार है हम “ देख बच्चे की बचकानियां , कह देते है हम , इसी से है सारी परेशानियां । अरे ! भूल गए है क्या हम , इन ढांचों के कुम्हार है हम... Poetry Writing Challenge-2 1 128 Share ज्योति 12 Feb 2024 · 1 min read ” शुध्दिकरण ” सुना है ! तुलसी के पत्ते को जिन चीजों में मिलाओ वो पवित्र हो जाता है , तुलसी के पत्तो की माला पहनाने के बाद भी बलात्कार पीड़ित को पवित्र... Poetry Writing Challenge-2 2 110 Share ज्योति 11 Feb 2024 · 1 min read बारिश ने क्या धूम मचाया ! हाय ये हाय ! क्या मौसम आया , बारिश ने तो धूम मचाया । कई दिनों बाद फिर छाता खुलवाया , चारों ओर जल ही जल बरसाया । हाय ये... Poetry Writing Challenge-2 2 102 Share ज्योति 10 Feb 2024 · 1 min read ” कभी – कभी “ कभी – कभी ये दुनिया इतनी बड़ी लगती है , जब एक ही शहर में रह कर उस सख्स से नहीं मिल पाते हैं जिनसे मिलना चाहते हैं । कभी... Poetry Writing Challenge-2 2 126 Share ज्योति 9 Feb 2024 · 1 min read मैं पापा की परछाई हूं छोटे से वो पैर मेरे और छोटी वो उंगलियां , बिन कुछ समझे पकड़ पापा का हाथ देखने चली मैं दुनिया । इस दुनिया ने क्या रंग सिखाया , दोगले... Poetry Writing Challenge-2 1 90 Share ज्योति 8 Feb 2024 · 1 min read ये आवारगी बहुत सुंदर हुआ करती है ये आवारगी , हर प्रेमी की पहचान होती है ये आवारगी । कुछ पल के लिए कभी गिरा देती है ये आवारगी , तो कभी... Poetry Writing Challenge-2 1 138 Share ज्योति 7 Feb 2024 · 1 min read ये कसूर मेरा है ! परिवार जैसा और परिवार होन में फर्क जरा है , हालात बदलतें ही , हाथ छोड़ देना शायद तेरी कला है । तु बुरा ना मान , ये कसूर मेरा... Poetry Writing Challenge-2 1 98 Share ज्योति 6 Feb 2024 · 1 min read ” कृष्ण – कृष्ण गाती रहूं “ तेरे लिए जो भी करूं , चाहें जो हो सब मैं सहु । बस इतना मैं कहूं , तेरे बिना ना मैं रहूं , कृष्ण – कृष्ण गाती रहूं ।... Poetry Writing Challenge-2 1 106 Share ज्योति 5 Feb 2024 · 1 min read ” असंतुष्टि की गाथा “ ये क्या हैं ? मुझे कुछ समझ नहीं आता । हर दूसरे दिन के साथ , ये असंतुष्टि एक गाथा बन जाता । जब ना देखा तो , देखने की... Poetry Writing Challenge-2 1 65 Share ज्योति 4 Feb 2024 · 1 min read ” ये आसमां बुलाती है “ ये रंगीली आसमां भी ना , पता नहीं क्या चाहती है ? बार – बार अपनी अदाओं से , मुझे अपने पास बुलाती है । हर सुबह नई उमंग जगाती... Poetry Writing Challenge-2 1 110 Share ज्योति 3 Feb 2024 · 1 min read ” भेड़ चाल “ हे भाया ! तुने ही ये कहर है ढाया , पाखंड से अंधेर नगरी बनाया । कभी नहीं अपना विवेक लगाया , हमेशा भेड़ चाल को ही अपनाया । हर... Poetry Writing Challenge-2 2 71 Share ज्योति 2 Feb 2024 · 1 min read ” क्या रिश्ता ये निभाते हैं ? “ ये सूरज रौशनी देता हैं , ऊर्जा का स्रोत भी बनता हैं । ये पेड़ – पौधे भूख मिटाते हैं , ये पुष्प खुशबू बिखेरती हैं । क्या रिश्ता ये... Poetry Writing Challenge-2 1 166 Share ज्योति 1 Feb 2024 · 1 min read ” अनोखा रिश्ता “ आपका स्वागत करने की मेरी चाह ने , इस कदर मुझे दिवानी बना डाला है । इन आंखों से आपकी नज़र उतारे , इन होंठों से आपका तिलक कर ,... Poetry Writing Challenge-2 2 88 Share ज्योति 31 Jan 2024 · 1 min read ” क्योंकि , चांद में दाग़ हैं ! “ सूरज की किरणें , जीवों और प्राकृतिक के लिए उपहार हैं । रोज प्रातः करते पुजा उसकी , देते जल हर बार हैं । क्योंकि , चांद में दाग़ हैं... Poetry Writing Challenge-2 1 77 Share ज्योति 30 Jan 2024 · 2 min read ” शायद तु बेटी है ! “ ना जाने किस मिट्टी की तु गड़ी है , तु किसमत की कितनी धधी है , सारी रश्में – कसमें तेरे लिए ही है । शायद तु बेटी है !... Poetry Writing Challenge-2 1 98 Share ज्योति 29 Jan 2024 · 1 min read ” बारिश की बूंदें " कुछ खो गया , कुछ बाकी है । आज फिर तेरे आने की ख्वाहिश बाकी है ! ” ये जो बारिश की बूंदें है , गगन से धरती पर गिरे... Poetry Writing Challenge-2 1 65 Share ज्योति 28 Jan 2024 · 1 min read ” एक मलाल है “ कल जो नकाब में थे , आज वो बेनकाब है । कल जो साथ में थे , आज वो सिर्फ याद में है । हमारी मासूमियत भी तेरी तलबदार है... Poetry Writing Challenge-2 1 128 Share ज्योति 27 Jan 2024 · 1 min read ” सपनों में एक राजकुमार आता था “ अंजान थे जब जिंदगी के इम्तिहां से , लेकिन सपनों में एक राजकुमार आता था । ज्यादा काम – धाम करना नहीं सीखा , बस सतरंगी सपने सजाना आता था... Poetry Writing Challenge-2 1 164 Share ज्योति 26 Jan 2024 · 1 min read ” सुन कोरोना ! ” सुन कोरोना ! जब तु आया था , सब के मन में डर समाया था । ना तु अपना है ना तु पराया है , तु तो बस एक साया... Poetry Writing Challenge-2 1 99 Share ज्योति 25 Jan 2024 · 1 min read ” मेरी लेखनी “ हे लेखनी ! तेरे साथ से ही जीती हूं , सुबह – शाम तेरे सहारे लिखती हूं । अपने बातों का ताना-बाना बुनती हूं , तुझसे ही अपना हर राज़... Poetry Writing Challenge-2 1 56 Share ज्योति 24 Jan 2024 · 1 min read ” माता-पिता और गुरु में फर्क “ ” अद्भूत सा एक रिश्ता बनाया , एक शिष्य को गुरु से मिलाया । ” एक छोटा सा फर्क होता है माता-पिता और गुरु में , जिसका परिणाम बहुत अद्भूत... Poetry Writing Challenge-2 1 72 Share ज्योति 23 Jan 2024 · 1 min read मैं गणित हूँ शून्य से शुरू अनंत तक भी खत्म नहीं , चलती – फिरती हिसाब – किताब की छड़ी हूं । क्योंकि मैं गणित हूं ! जोड़ती अंकों को , घटा से... Poetry Writing Challenge-2 1 133 Share