ओम प्रकाश श्रीवास्तव Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read माया के मधुपाश माया के मधु पाश में, फंसते जो भी लोग। तजकर जीवन लक्ष्य सत,करें गलत उपयोग। करें गलत उपयोग,दर्प में फूले रहते। लेकर खोखल नाव,झूठ की धारा बहते। जीवन कर बेकार,बचाते... Poetry Writing Challenge-2 2 151 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read अतिशय इच्छा अर्थ की अतिशय इच्छा अर्थ की, लाती हृदय विकार। मानव पकड़े पथ गलत,करता नहीं विचार। करता नहीं विचार,अर्थ लख बढ़ता जाता। त्याग प्रेम का भाव,दर्प उर को है भाता। पकड़े रहते झूठ,सत्यता... Poetry Writing Challenge-2 1 85 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read मातु शारदे मातु शारदे वंदना,करता जग है आज। रखकर माता सत कृपा,रखना सुंदर साज। रहता सुंदर साज,सोच उत्तम बन जाती। हो विद्या शृंगार,बुद्धि नव ऊर्जा पाती। विनय करे नित ओम,मातु उत्तम विचार... Poetry Writing Challenge-2 1 78 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read भारत जनता उर बसे भ भारत जनता उर बसे,महाबली हनुमान। रक्षित भारत मम रहे,रचते उचित विधान। रचते उचित विधान,वीरता उर में भरते। लख के जिसको शत्रु,हृदय में अतिशय डरते। नहीं कभी बर्दाश्त,किसी की यहाँ... Poetry Writing Challenge-2 1 51 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read हठधर्मिता से रखिए दूरी प्राणी हठ धर्मी बनकर के, कष्ट बहुत है जग में पाता। सोच नियत तब उसकी होती, भाव धैर्य का है घट जाता।। हर इक प्राणी को ब्रह्मा ने, सोच समझ... Poetry Writing Challenge-2 1 51 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read देख परीक्षा पास में देख परीक्षा पास में,अचरज में कुछ बाल। अब ऐसा मैं क्या करूं,बने उचित मम ढाल।। कठिन परीक्षा लग रही,कैसे हो यह पार। रखकर पुस्तक सामने,करता करुण पुकार।। शिक्षण का था... Poetry Writing Challenge-2 1 58 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read अतिशय माया के चक्कर में अतिशय माया के चक्कर में, व्यर्थ कर्म में सब डट गए। बातों के ही जमा खर्च में, जीवन के पन्ने पलट गए। सोच समझ कर ब्रह्मा जी ने, मानव रचना... Poetry Writing Challenge-2 1 131 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read ज्ञान दायिनी ज्ञान दायिनी पाप नाशिनी भक्तों की हो भाग्य विधाता। जग जननी अरु जग की पालक नाम शारदे तेरा माता।। तुम हो स्वर की देवी माता, संगीत सदा तुझमें बसता। तेरी... Poetry Writing Challenge-2 1 70 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read पावन अपने गांव की पावन अपने गांव हैं, रखें प्रदूषण दूर। सीमित साधन हों भले,प्राण वायु भरपूर।। बरगद पीपल नीम अरु,हरे भरे सब वृक्ष। प्राण वायु देते सुखद,जग हित का यह पक्ष।। उत्तम औषधि... Poetry Writing Challenge-2 1 77 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read मीठी वाणी मीठी वाणी रिश्ते जोड़े। कर्कश वाणी रिश्ते तोड़े।। मीठी वाणी प्रेम बढ़ाती। कर्कश वाणी क्रोध दिलाती।। मीठी वाणी सुख की दाता। मानव सब कुछ इससे पाता।। कर्कश वाणी कष्ट बढ़ाए।... Poetry Writing Challenge-2 1 180 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read अनुपम पल्लव प्रेम का अनुपम पल्लव प्रेम का, बसता हिय दरबार। समझे मानव सार जब,बदले निज व्यवहार। बदले निज व्यवहार,करे जीवों की सेवा। लखकर ऐसे भाव,रहें हर्षित सब देवा। प्रेम हृदय का साज, कुटिलता... Poetry Writing Challenge-2 1 62 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read मानव जीवन लक्ष्य क्या मानव जीवन लक्ष्य क्या, आओ समझें आज। दान पुण्य अरु ज्ञान सत,जीवन का मधु साज। जीवन का मधु साज,अहिंसा को हम मानें। दया भावना संग, कर्म नीति को पहचानें। द्वेष... Poetry Writing Challenge-2 1 76 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read प्यार लुटाती प्रेमिका प्यार लुटाती प्रेमिका,करती मधु व्यवहार। कुछ तो करतीं प्यार सत,कुछ मांगे गल हार।। प्रेमी से प्यारा लगे,स्वर्ण धातु का हार। मिलता यदि नहि हार तो, करती हैं दुत्कार।। कलियुग की... Poetry Writing Challenge-2 1 73 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read बदला मौसम मान बदला मौसम मान है,रखें सभी हम ध्यान। सोच समझ त्यागें सदा,सर्दी के परिधान।। गर्म वस्त्र के त्याग में,करिए सोच विचार। स्थिति मौसम लखकर सदा,करो उचित व्यवहार।। जल्दी होती है बुरी,लाती... Poetry Writing Challenge-2 1 67 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read पावन हो नव वर्ष पावन हो नववर्ष यह,सुंदर हो सब साज। हर्षित हो सारा जगत, सुफलित हो हर काज। सुफलित हो हर काज,रहे रक्षित हर काया। सत श्रद्धा भर भाव, सुशोभित हो मानव मन।... Poetry Writing Challenge-2 1 104 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read भोले बाबा है नमन भोले बाबा है नमन,करिए कृपा अपार। नवल वर्ष के क्षण सभी,मिले आपका प्यार। मिले आपका प्यार,बहे खुशियों की गंगा। हर उर हो अनुराग,रहे तन मन जग चंगा। विनय करे नित... Poetry Writing Challenge-2 1 78 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read राम नाम की गूंज से राम नाम की गूंज से,छाया अतिशय हर्ष। धर्म सनातन कह रहा,जय जय भारत वर्ष।। धर्म सनातन सीख मधु,रहे मनुज उर हर्ष। उत्तम करते कर्म जो,होता तत उत्कर्ष।। धर्म सनातन संग... Poetry Writing Challenge-2 1 58 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read रूप मनोहर श्री राम का रूप मनोहर राम का,करिए सभी प्रणाम। जीवन में हो प्रभु कृपा, सुफलित हो हर काम।। घर घर आए राम हैं,सुंदर बना विधान। सत्य कर्म करते रहो,यही राम सम्मान।। कलियुग का... Poetry Writing Challenge-2 1 101 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read आए निज घर श्री राम आए निज घर रघुवर राजा। करने को सब सुंदर काजा।। राम राज फिर से आएगा। द्वेष दर्प जग मिट जायेगा।। धर्म सनातन फिर छाएगा। उचित पंथ मानव पाएगा।। लोभ अर्थ... Poetry Writing Challenge-2 1 80 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read केवट और श्री राम केवट बोला भक्ति से,सुनिए श्रीवर राम। धन्य हुआ मम जन्म अब, आए श्री मम धाम।। आए श्री मम धाम, पार गंगा को करने। जाना वन को आज,कष्ट भक्तों के हरने।... Poetry Writing Challenge-2 1 65 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read हठ धर्मी बनाना हठ धर्मी बनना मनुज, समझो एक विकार। कुंठित होती सोच है,उपजे कटु व्यवहार।। मानव तजकर सत्य को,करता बहु अभिमान। कर्म स्वयं के सत समझ,तोड़े उचित विधान।। राम चरित मानस लिखा,... Poetry Writing Challenge-2 1 87 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read सूप नखा का लंका पहुंचना रावण बहना भाग कर,पहुंची भ्राता पास। नाक हमारी कट गई,करो भ्रात विश्वास।। दशरथ नंदन राम से, माँगा था कुछ प्यार। गरिमा मेरी चीर कर,किया राम इनकार।। बोले मुझसे प्रेम से,जाओ... Poetry Writing Challenge-2 1 94 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read सीता की खोज सीता की सत खोज में,चले वीर हनुमान। शक्ति पुंज के साथ ही,अतिशय जो विद्वान।। राम नाम को ध्यान कर, पहुँचे सागर पार। विप्र रूप में वह गए, दैत्य विभीषण द्वार।।... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 124 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read कैसा कलियुग आ गया कैसा कलियुग आ गया, बदला आज समाज। रिश्ते बनते अर्थ लख, तजकर सारी लाज। तजकर सारी लाज,मनुज कारज कटु करता। उपजा उर में बैर,हृदय में कटुता भरता। कहता सबसे ओम,जगत... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 1 52 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 13 Feb 2024 · 1 min read मातु शारदे वंदना मातु शारदे वंदना,करता जग है आज। रहती माता की कृपा,रहता सुंदर साज। रहता सुंदर साज,सोच उत्तम बन जाती। हो विद्या शृंगार,बुद्धि नव ऊर्जा पाती। विनय करे नित ओम,मातु उत्तम विचार... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 2 156 Share